
मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में कल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक हुई जिसमें बंगाल की खाड़ी में तूफान यास से निपटने में केंद्र, राज्य और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में श्री गौबा ने कहा कि सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूरी की जानी चाहिए ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो। उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालकर और सभी उपलब्ध नौकाओं की सेवा लेकर लोगों के जीवन की पूरी सुरक्षा की जा सकती है।
श्री गौबा ने कहा कि कोरोना रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और कोविड अस्पतालों तथा केन्द्रों के काम-काज पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने यह सलाह भी दी कि चक्रवात-प्रभावित इलाकों में ऑक्सीजन उत्पादन और देश के दूसरे हिस्सों में इसकी आवाजाही पहले जैसी बनी रहनी चाहिए। श्री गौबा ने कहा कि बिजली, दूरसंचार और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं की बहाली के लिए तैयारी की जानी चाहिए। उन्होंने संबंधित एजेंसियों को तालमेल के साथ काम करने और राज्यों को अपेक्षित सहायता देने के निर्देश भी दिये।
मौसम विभाग के महानिदेशक ने चक्रवात की स्थिति के बारे में समिति को जानकारी दी। चक्रवात के बुधवार तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिसा तट पर पहुंचने की संभावना है। इस दौरान 165 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवा चल सकती है और दोनों राज्यों के तटवर्ती जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों ने समिति को चक्रवात से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी। निचले इलाकों से लोगों को हटाया जा रहा है। अनाज, पानी और अन्य जरूरी वस्तुओं के पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 65 टीमों की तैनाती की है और 20 अन्य दलों को तैयार रखा गया है। थल सेना, नौसेना और तटरक्षक भी अपने जहाजों और विमानों के साथ तैनात हैं।
बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिसा, तमिलनाडु, आंध्