
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर तम्बाकू का सेवन न करने के संकल्प का नेतृत्व किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि हर वर्ष भारत में 13 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु तम्बाकू के सेवन के कारण होती है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन के कारण प्रतिदिन साढ़े तीन हजार लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सिगरेट पीने वालों में गंभीर बीमारियों से मृत्यु का जोखिम 40 से 50 प्रतिशत अधिक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों पर खर्च के कारण एक लाख 77 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ने का अनुमान है। यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक प्रतिशत है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से तम्बाकू के सेवन में कमी आई है और यह 2009-10 के 34 दशमलव छह प्रतिशत से कम होकर 2016-17 में 28 दशमलव छह प्रतिशत हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने तम्बाकू सेवन पर रोक लगाने की सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए इस संबंध में कानूनी प्रावधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना की।