
श्री पोखरियाल नेप्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि निपुण भारत का उद्देश्य 3 से 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बुनियादी भाषा के विकास के लिए हर बच्चेकी साक्षरता और संख्यात्मक कौशलपर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उन्हें बेहतर पाठकों और लेखकों के रूप में विकसित करने में मदद मिले। इस तरह निपुण भारत ने बुनियादी चरण में ही सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, सुखद और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है।
शिक्षा मंत्री ने रेखांकित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह निर्धारित किया गया है कि सभी बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करना तात्कालिक राष्ट्रीय मिशन बनना चाहिए। श्री पोखरियाल ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुएविभाग ने निपुण भारत के तहत एक व्यापक दिशा-निर्देश विकसित किया है। इसे लचीला और सहयोगी बनाने के लिए भागीदारों, विशेषज्ञों के साथ श्रृंखला रूप में गहन परामर्श किया गया है।श्री पोखरियाल ने कहा कि इसमें राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वयन व्यवस्था करने के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक के प्रमुख तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ प्रशासनिक पहलुओं को शामिल किया गया है।उन्होंने यह भी बताया कि 2021-22 में फाउंडेशनल स्टेज के लिए विभिन्न उपायोंको लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समग्र शिक्षा योजना के तहत 2688.18 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
इस अवसर पर श्री धोत्रे ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मजबूत राष्ट्र निर्माण का आधार है और साक्षरता व संख्यात्मक कौशल में मूलभूत शिक्षा इसका मुख्य घटक है। श्री धोत्रे ने कहा कि आने वाले वर्षों में यह मिशन हमारी स्कूली शिक्षा के दृष्टिकोण को बदल देगा और 21वीं सदी के भारत पर जोरदार प्रभाव डालेगा।श्री धोत्रे ने जोर देकर कहा कि निपुण भारत न केवल हमारे छात्रों को अपनी उच्च कक्षाओं में बड़ी छलांग लगाने में मदद करेगा, बल्कि विश्व स्तर पर छात्रों को प्रतिस्पर्धी बनाने में भी प्रभाव छोड़ेगा।
इसकी अनूठी विशेषता यह है कि मिशन के लक्ष्यों को लक्ष्य सूची या मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लिए लक्ष्य के रूप में स्थापित किया जाता है। यद्यपि समग्र उद्देश्य ग्रेड 3 के अंत तक वांछित सीखने के परिणामों को प्राप्त करना है, माता-पिता, समुदाय, स्वयंसे
निपुण भारत की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर निर्भर करेगी।इसलिए शिक्षकों के क्षमता निर्माण पर विशेष जोर दिया जाएगा। एनसीईआरटी द्वारा निष्ठा के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लिए एक विशेष पैकेज तैयार किया जा रहा है और पूर्व प्राथमिक से प्राथमिक ग्रेड में पढ़ाने वाले लगभग 25 लाख शिक्षकों को एफएलएन पर इस वर्ष प्रशिक्षित किया जाएगा।