
जापान की राजधानी टोक्यो में हाल ही सम्पन्न हुए पैरालम्पिक में भारत के खिलाडियों ने विभिन्न स्पर्धाओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीत कर कमाल का प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया। पैरालम्पिक के इतिहास में भारत ने अब तक के सबसे अधिक 17 पदक जीत कर एक नया इतिहास बनाया। टोक्यो पैरालम्पिक के पदक विजेता भारतीय खिलाडियों के बारे में एक संक्षिप्त विवरण:
भाविना पटेल: टोक्यो पैरालम्पिक में भारत को पहला पदक भाविनाबेन पटेल ने दिलाया था। टेबल टेनिस के क्लास 4 वर्ग में भाविना रजत पदक जीतने में सफल रही थी। 34 साल की भाविना ने क्वार्टर फाइनल में सर्बिया की बोरिस्लावा रांकोविच को हराकर पदक पक्का कर लिया था। इसके बाद भाविना ने सेमीफाइनल में चीन की ही झांग मियाओ को मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि भाविना को फाइनल में चीन की वर्ल्ड नंबर-1 झाउ यिंग ने हरा दिया, जिसके चलते उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
निषाद कुमार: निषाद कुमार ने पुरुषों के टी-47 हाई जंप के मुकाबले में भारत के लिए रजत पदक जीता था। निषाद कुमार ने पहली कोशिश में 2.02 और दूसरे प्रयास में 2.06 मीटर की जंप लगाई। अमेरिका के डलास वाइज भी इसी इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहे, क्योंकि वाइज ने भी 2.06 मीटर की जंप लगाई थी। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक अमेरिका के ही रोडरिक टाउनसेंड ने 2.15 मीटर की कूद के विश्व रिकॉर्ड के साथ हासिल किया।
अवनि लखेरा: टोक्यो पैरालम्पिक में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक अवनि लखेरा ने हासिल किया। उन्होंने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में यह सुनहरी सफलता हासिल की।
इसके साथ ही अवनि पैरालम्पिक खेलों में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। 19 साल की इस शूटर ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। इस स्पर्धा का रजत पदक चीन की झांग कुइपिंग ने हासिल किया। वहीं, यूक्रेन की इरियाना शेतनिक को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
अवनि लखेरा: इन्होने ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन एसएच -1 स्पर्धा का भी कांस्य पदक जीता। अवनि फाइनल में 445.9 का स्कोर कर तीसरे स्थान पर रही। इस स्पर्धा का स्वर्ण चीन की झांग क्यूपिंग (457.9) और रजत पदक जर्मनी की हिलट्रॉप नताशा (457.1) ने जीता। इसके साथ ही अवनि लखेरा दो पैरालम्पिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई।
योगेश कथुनिया: योगेश कथुनिया ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो 56 में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने अपने छठे और आखिरी प्रयास में 44.38 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो कर पदक पर कब्जा कर लिया। ब्राजील के बतिस्ता डॉस सैंटोस क्लॉडनी (45.25) ने इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता था। वहीं क्यूबा के डियाज अल्दाना लियोनार्डो (43.36) तीसरे स्थान पर रहे।
सुमित अंतिल: जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (एफ 64 वर्ग) ने भारत को इस पैरालम्पिक खेलों का दूसरा स्वर्ण दिलाया था। सुमित ने रिकॉर्ड 68.55 मीटर जैवलिन फेंककर पीला तमगा अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया के मिचाल बुरियन (66.29 मीटर) और श्रीलंका के डुलान कोडिथुवाक्कू (65.61 मीटर) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।
देवेंद्र झाझरिया: दो बार के पैरालम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया ने टोक्यो में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। देवेंद्र ने जैवलिन थ्रो में 64.35 का बेस्ट थ्रो कर रजत पदक हासिल किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक श्रीलंका के दिनेश प्रियान हेराथ के नाम रहा, जिन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया। श्रीलंकाई एथलीट ने अपने इस प्रयास से देवेंद्र झाझरिया का पिछला वर्ल्ड रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
सुंदर सिंह गुर्जर: जैवलिन थ्रोअर सुंदर सिंह गुर्जर ने स्न-46 वर्ग में ही भारत के लिए कांस्य पदक जीता। सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर जैवलिन फेंका, जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। सुंदर को जैवलिन के अलावा डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में भी पारंगत हासिल है। 2017 में दुबई में आयोजित इंटरनेशनल एथलेटिक्स ग्रां प्री में सुंदर ने इन तीनों ही स्पोर्ट्स में गोल्ड मेडल जीता था।
सिंहराज: शूटर सिंहराज ने पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। हरियाणा के रहने वाले सिंहराज ने फाइनल में 216.8 का स्कोर कर यह उपलब्धि हासिल की। चीनी खिलाडिय़ों यांग चाओ (237.9) और हुआंग जिंग (237.5) ने क्रमश: गोल्ड और सिल्वर जीता।
39 साल के सिंहराज ने इसके बाद मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच-1 फाइनल में भी रजत पदक हासिल किया। फाइनल में सिंहराज ने 216.7 का शानदार स्कोर किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक भारत के ही मनीष नरवाल (218.2) ने हासिल किया। वहीं रूसी पैरालंपिक समिति के सर्गेई मालिशेव (196.8) ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहे।
मरियप्पन थंगावेलु: हाई जंपर मरियप्पन थंगावेलु ने पुरुषों की ऊंची कूद टी-63 स्पर्धा में भारत के लिए रजत पदक जीता था। मरियप्पन ने 1.86 मीटर की जंप लगाकर यह कामयाबी हासिल की। अमेरिका के सैम ग्रेव (1.88 मीटर) की छलांग लगाते हुए इस इवेंट का गोल्ड मेडल हासिल किया। 26 साल के मरियप्पन का पैरालम्पिक खेलों में यह लगातार दूसरा पदक है। इससे पहले मरियप्पन ने रियो पैरालम्पिक (2016) में ऊंची कूद इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
शरद कुमार: पुरुषों की ऊंची कूद टी-63 स्पर्धा में ही शरद कुमार ने भी भारत के लिए कांस्य पदक हासिल किया। शरद ने 1.83 मीटर का बेस्ट प्रयास कर यह उपलब्धि हासिल की। एक अन्य भारतीय पैरा एथलीट वरुण सिंह भाटी इस स्पर्धा में सातवें स्थान पर रहे। गौरतलब है कि भाटी ने रियो पैरालम्पिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।
प्रवीण कुमार: पुरुषों हाई जंप टी64 वर्ग के फाइनल में प्रवीण कुमार ने 2.07 मीटर की कूद लगाकर सिल्वर मेडल हासिल किया। इस शानदार प्रदर्शन के दौरान प्रवीण ने नया एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक ग्रेट ब्रिटेन के एडवर्ड्स जोनाथन (2.10 मीटर) ने जीता। वहीं पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो (2.04 मीटर) कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। हरविंदर सिंह तीरंदाज हरविंदर सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया था। तीसरे स्थान के मुकाबले में हरविंदर ने साउथ कोरिया के सू मिन को 6-5 से शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही हरविंदर पैरालम्पिक के तीरंदाजी इवेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए थे।
मनीष नरवाल: शूटर मनीष नरवाल ने मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच-1 फाइनल में 218.2 का स्कोर कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। वहीं, मनीष के हमवतन सिंहराज (216.7) ने रजत और रूसी पैरालम्पिक समिति के सर्गेई मालिशेव (196.8) ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। फरीदाबाद के रहने वाले मनीष नरवाल (533) ने क्वालिफिकेशन रांउड में सातवां स्थान हासिल कर फाइनल में जगह बनाई थी।
प्रमोद भगत: प्रमोद भगत पैरालम्पिक के बैडमिंटन इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय है। वर्ल्ड नंबर-1 प्रमोद ने बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के वर्ल्ड नंबर-2 डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से हराया था। गौरतलब है कि प्रमोद भगत ने ग्रुप-ए में अपने दोनों मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। फिर सेमीफाइनल मुकाबले में प्रमोद ने जापान के डाइसुके फुजिहारा को 21-11, 21-16 से पटखनी दी।
मनोज सरकार: एसएल3 वर्ग में ही मनोज सरकार ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता था। उत्तराखंड के रहने वाले मनोज ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जापान के डाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से शिकस्त दी थी। इससे पहले मनोज सरकार को सेमीफाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल ने हरा दिया था।
सुहास यथिराज: बैडमिंटन खिलाड़ी और नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल यथिराज ने रजत पदक अपने नाम किया। एसएल4 वर्ग के फाइनल में सुहास यथिराज को फ्रांस के वर्ल्ड नंबर-1 लुकास मजूर ने 15-21, 21-17, 21-15 से हरा दिया। अपने ग्रुप में तीन में से दो जीत दर्ज करने के बाद सुहास ने सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई किया था। फिर 38 साल के सुहास ने सेमीफाइल मुकाबले में इंडोनेशिया के सेतियावान को 21-9, 21-15 से हराकर रजत पदक पक्का किया।
कृष्णा नागर: बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। नागर ने पुरुष सिंगल्स एसएच6 फाइनल में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 21-17, 16-21, 21-17 से हराया। गौरतलब है कि दूसरी वरीयता प्राप्त कृष्णा नागर ने ग्रुप-बी में अपने दोनों मुकाबलों में जीत हासिल कर सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई किया था। इसके बाद सेमीफाइनल में नागर ने ग्रेट ब्रिटेन के क्रिस्टन कूम्ब्स को 21-10, 21-11 से शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई थी।
गोपेन्द्र नाथ भट्ट