
मैं अपने सभी संरक्षकों और शुभचिंतकों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं। साल 2021 हमारे लिए कई आश्चर्य, दुख और खुशियां भी लेकर आया। महामारी फिर से वापस आ गई है। दूसरी लहर की भयावह तस्वीरें हमारे जेहन में आज भी ताजा हैं। कई परिवारों ने अपने रोटी कमाने वालों को खो दिया, व्यापार और उद्योग क्षेत्र, जो दूसरी लहर के बाद ठीक होने के लिए तैयार हो रहे थे, वे फिर से लॉकडाउन से सहमे हैं। फिर से भारत में महामारी का डर वापस आ गया है और यह अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में गंभीर है। समय ही बताएगा कि हमारी सरकार विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र घातक महामारी के प्रकोप का सामना करने के लिए कितने तैयार है। उम्मीद है कि पिछली बार की तरह ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से लोगों की मौत नहीं होगी। अमीर लोग कॉरपोरेट अस्पतालों का खर्च उठा सकते हैं लेकिन उनका क्या जो स्वास्थ्य बीमा के दायरे में नहीं आते हैं? यह आम आदमी है जिसे सावधानी बरतने की जरूरत है और अपने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करना चाहिए। दूसरी लहर से पहले, हमने देखा कि पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान हमारे राजनेताओं ने चुनावी रैलियां की। और अब तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंसिंग के हजारों लोग राजनीतिक रैलियों में इकट्ठा होते हैं। ऐसे में रात के कर्फ्यू, शिक्षण संस्थानों, मॉल्स को बंद करने, विवाह समारोहों पर प्रतिबंध लगाने और नए साल के जश्न मनाने पर प्रतिबन्ध का क्या मतलब है? अंतत: आम आदमी को नुकसान होगा, और राजनेता घडिय़ाली आंसू बहाएंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद इसे रोकने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। साथ ही साथ राजनीतिक दलों को बड़े पैमाने पर रैलियों के जरिए वायरस फैलाने से बचना चाहिए। अब सभी पार्टियां तकनीक का उपयोग करके जमीन से फीडबैक लेने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, तो वे प्रचार अभियान के लिए इसका उपयोग क्यों नहीं कर सकते? मतदाताओं को अपने संदेश देने के लिए बड़े पैमाने पर सभाओं के बजाय प्रसारण मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन मुझे पता है कि कोई भी इसे नहीं सुनेगा, और लोग पागल दौड़ में शामिल हो जाएंगे, और अंत में, हमारे देश को भुगतना होगा।
इस बार हिंदी संस्करण में, हमारी कवर स्टोरी शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने पर है। इस सन्दर्भ में सरकारी टास्क फोर्स की सिफारिशें डॉक्टरों की राय पर आधारित हैं कि पहले बच्चे के जन्म के समय महिला की आयु कम से कम 21 वर्ष की होने चाहिए। टास्क फोर्स ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शादी में देरी से परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज पर सकारात्मक आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। टास्क फोर्स ने दावा किया है कि उसकी रिपोर्ट पचास से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है। अंग्रेजी संस्करण में, हमने बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार सृजन, प्रदूषण को कम करने और हवा, पानी और रेलवे नेटवर्क के लिए योजनाबद्ध तरीके से परिवहन प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस पृष्ठभूमि में, हमारे परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सलाम करना चाहिए, जो हमारे चमकते राष्ट्रीय राजमार्गों को संभव बना सके, राष्ट्रीय राजमार्गों को प्रमुख शहरों से जोड़ सके, यात्रियों को प्रदूषण मुक्त और जाम मुुक्त रोड प्रदान कर सके। गडकरी ने रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नई परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकारों सहित लगभग सोलह विभागों के साथ मजबूत समन्वय कायम किया , साथ ही रेलवे के साथ नदियों पर तीन स्तरीय पुलों का निर्माण किया गया, जिनका उपयोग रेलवे, मेट्रो और अन्य वाहन कर सकेंगे। यह गडकरी की दूरदृष्टि थी की राष्ट्रीय राजमार्गों की योजना बनाते समय, उन्होंने ऑप्टिकल फाइबर को साथ-साथ स्थापित करने की योजना बनाई, ताकि सडक़ें फिर से खोदी न जाएं। वह प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जैव ईंधन लाने, भारत को ई-वाहनों का विनिर्माण केंद्र बनाने और निकट भविष्य में कच्चे तेल के आयात को कम करने में व्यस्त हैं। उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लंबे खंडों के माध्यम से ऑटोमोबाइल उद्योगों में अधिक रोजगार सृजन और लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष आय प्रदान करने का विश्वास है। उन्होंने नागपुर में इथेनॉल आधारित सिटी ट्रांसपोर्ट बसें शुरू कीं और उन्होंने निवेशकों को महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में जैव-ईंधन निर्माण उद्योग स्थापित करने के लिए निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए और अधिक लिथियम बैटरी विकसित करने के लिए डीआरडीओ और आईआईटी के समन्वय में मजबूत शोध कार्य किए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए बाहरी रिंग रोड के साथ सभी गोदामों को जोडऩे की उनकी योजना एक शानदार विचार है, क्योंकि बड़े परिवहन वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे। आउटर रिंग रोड के साथ रेलवे ट्रैक बनाने की उनकी योजना भी काबिले तारीफ है। उन्होंने भारत के परिवहन क्षेत्र को सचमुच में एक विश्व स्तरीय क्षेत्र में बदल दिया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूती प्रदान करेगा। श्री गडकरी को सलाम, जिन्हें मैं एक ऐसा व्यक्ति कह सकता हूं, जिनके पास भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की महान दृष्टि है।
दीपक कुमार रथ
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