
‘‘दूसरी लहर बहुत क्रूर थी और हमने मौतों को होते देखा है। एक डॉक्टर होने के नाते मैं उस समय लाचार था। हमने कीमती जिंदगियां बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन हम नाकाम रहे। हमने कुछ जिंदगियां बचाईं और दूसरी लहर में हमने यही सीखा कि सभी कर्मचारियों के साथ तत्परता और त्वरित समन्वय आवश्यक है। वार्ड, आइसोलेशन रूम और अस्पताल में अब हमारा अपना ऑक्सीजन प्लांट जैसी व्यवस्था है। टीकाकरण भी बड़े पैमाने पर हो रहा है,’’ यह कहना है डॉ. एससीएल गुप्ता, सीएमओ, बत्रा हॉस्पीटल, का अशोक कुमार से हुई बातचीत में। बातचीत के प्रमुख अंश:-
ओमीक्रॉन दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। क्या आपको लगता है कि अस्पताल तीसरी लहर का सामना करने के लिए तैयार हैं?
अस्पताल ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए तैयार हैं क्योंकि डेल्टा संस्करण की दूसरी लहर के बाद हम और अधिक विशेषज्ञ बन गए हैं जहां संकट बड़े पैमाने पर था। अब अस्पताल ओमीक्रॉन के खिलाफ लडऩे के लिए बड़े पैमाने पर लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं। अस्पताल बेड, आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन, दवाओं और खासकर डॉक्टरों और नर्सों के साथ तैयार हैं।
आपने कोविड रोगियों को संभालने में काफी व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया है। क्या आप हमें तीसरी लहर के लिए अपनी व्यवस्थाओं के बारे में बताएंगे?
दूसरी लहर बहुत क्रूर थी और हमने मौतों को होते देखा है। एक डॉक्टर होने के नाते मैं उस समय लाचार था। हमने कीमती जिंदगियां बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन हम नाकाम रहे। हमने कुछ जिंदगियां बचाईं और दूसरी लहर में हमने यही सीखा कि सभी कर्मचारियों के साथ तत्परता और त्वरित समन्वय आवश्यक है। वार्ड, आइसोलेशन रूम और अस्पताल में अब हमारा अपना ऑक्सीजन प्लांट जैसी व्यवस्था है। टीकाकरण भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। हम संक्रमित लोगों की पहचान करने के लिए मरीजों की जांच कर रहे हैं। हम सभी सावधानियों के साथ मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन वे मानक है जो इस श्रृंखला को तोडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
दूसरी लहर में ऑक्सीजन का भारी संकट था। क्या आपका अस्पताल नए वैरिएंट के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाएं और दवाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार है?
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए हमारे अस्पताल ने अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया जो अस्पताल के सभी बिस्तरों को आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति कर सके। बत्रा अस्पताल तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है क्योंकि इस बार हमारे पास ऑक्सीजन प्लांट है बेड तैयार हैं और दवाइयां व अन्य जरूरी चीजें हैं।
15 से ऊपर और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को टीके अब शुरू हो गए हैं। क्या आपको नहीं लगता कि तीसरी लहर शुरू हो गई है और सभी बच्चों को इतनी जल्दी कवर नहीं किया जा सकता है। आप क्या सोचते हो?
बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। यह पहल 3 जनवरी से शुरू हुई थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को संक्रमण से बचाना है। माता-पिता स्लॉट बुक कर रहे हैं और टीकाकरण के लिए अस्पतालों में हैं आ रहे हैं। टीकाकरण से मदद मिलेगी लेकिन सामाजिक दूरी, मास्क और स्वच्छता जैसी चीजें महत्वपूर्ण हैं।
तीसरी लहर का सामना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से आप क्या उम्मीद करते हैं?
केंद्र और राज्य सरकार को तीसरी लहर यानी ओमीक्रॉन से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। कफर्यू उचित दिशा-निर्देशों के साथ लगाया जाना चाहिए जिसका पालन सभी को करना चाहिए। हम हर जगह समूहों में लोगों को देख सकते हैं जिन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मेट्रो और बसों की योजना इस तरह से बनाई जानी चाहिए कि लोग आराम से और सभी सावधानियों के साथ यात्रा कर सकें। साप्ताहिक बाजारों, मॉल और सामाजिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मुख्य उद्देश्य इस श्रृंखला को तोडऩा है जिसे दिशानिर्देशों के उचित कार्यान्वयन से प्राप्त किया जा सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए आम जनता को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और अगर किसी का कोविड पॉजिटिव परीक्षण होता है तो उसे क्या करना चाहिए?
आम जनता को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन जैसी सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए। लोगों को समय-समय पर सरकार द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का भी पालन करना चाहिए। यदि आवश्यक न हो तो लोगों को बाहर जाने से बचना चाहिए। सामाजिक समारोहों से बचना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण कमोरबिटीज वाले लोग है। वृद्ध और बच्चों को घर पर रहना चाहिए। यदि किसी में लक्षण हैं या सकारात्मक है तो तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें और निर्देशानुसार प्रोटोकॉल का पालन करें। आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे अपने टीकाकरण के लिए जाएं। जो कोई भी अपनी दूसरी खुराक के लिए नियत है, उसे भी इसे नियत समय पर करवाना चाहिए। 15-18 वर्ष के बीच के बच्चों को जल्द से जल्द अपना टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है। किसी को भी टीकाकरण के बारे में कोई संदेह है, तो उन्हें इस तरह के विचारों से छुटकारा पाना चाहिए और खुद को तुरंत टीका लगवाना चाहिए और वायरस से सुरक्षित रहना चाहिए।
अशोक कुमार