
यूक्रेन की सीमा से सेना हटाने की रूस की घोषणा के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस यूरोप में युद्ध नहीं चाहता। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से बातचीत के बाद संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने राजनयिक माध्यम से इस संघर्ष के समाधान की अपील की। उन्होंने कहा कि रूस, अमरीका और इसके नैटो सहयोगियों के साथ विश्वास बहाली के उपायों पर विचार-विमर्श के लिए तैयार है।
जर्मनी के चांसलर ने कहा कि वे रूस के इस विचार से सहमत है कि यूक्रेन के साथ युद्ध की समस्या का समाधान राजनयिक बातचीत से संभव है। दोनों नेताओं की मॉस्को में हुई मुलाकात में यूक्रेन पर प्रमुखता से बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने बातचीत से सुरक्षा मुद्दों का समाधान जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जर्मनी के चांसलर ने कहा कि युद्ध में बदलने वाले तनाव को रोकना प्राथमिकता है।
इससे पहले रूस ने कहा था कि यूक्रेन की सीमा के निकट तैनात उसके कुछ सैनिक वापस लौट रहे हैं।
नैटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस की घोषणा से युद्ध रोके जाने की उम्मीद बंधी है लेकिन जमीनी स्तर पर तनाव में कमी का कोई सबूत नहीं हैं। हालांकि नैटो प्रमुख ने राजनयिक माध्यम से समस्या समाधान के रूस के संकेतों का स्वागत किया है।
इधर यूक्रेन ने सेना वापस हटाने के रूस के बयान पर संदेह व्यक्त किया है।
अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से हुई बातचीत में कहा कि रूस की ओर से तनाव कम करने के विश्वसनीय और सार्थक प्रयासों की जरूरत है।
इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक ट्वीट में कहा कि रूस से मिले जुले संकेत मिल रहे हैं।