
महिलाओं को साथ लिए बिना किसी भी समाज या देश का सामाजिक-आर्थिक विकास संभव नहीं है। गुजरात के विकास मॉडल में महिला विकास, महिला उत्थान और महिलाओं के सशक्तिकरण को विस्तृत स्थान दिया गया है। गुजरात की महिलाएं हर क्षेत्र में राज्य सरकार और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। भविष्य में भी ऐसा होता रहे और महिलाएं हमेशा सशक्त रहें और वे आगे बढ़ती रहें, इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और उनकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
गुजरात की सामाजिक संरचना ऐसी है जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान दूसरे राज्यों की महिलाओं की तुलना में कहीं अधिक, बेहतर और सुदृढ़ है। गुजरात की महिलाएं आर्थिक क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र, सहकारी क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर अपना योगदान देती हैं।
गुजरात की सामाजिक परंपरा को गुजरात सरकार ने अपनी नीतियों, योजनाओं और उत्थान की रणनीतियों में भी स्थान दिया है। गुजरात के महिला स्वयं सहायता समूह और इसकी सफलता, महिला उद्यमियों के लिए विशेष औद्योगिक पार्कों का निर्माण, सहकारी क्षेत्र में महिलाओं का सफल नेतृत्व और महिलाओं के लिए विशेष रोजगार मेले का आयोजन, गुजरात सरकार की महिला सशक्तिकरण के उन कदमों को दिखाता है जिसमें हम यह कह सकते हैं कि गुजरात की सामाजिक परंपरा और यहां की सरकार एक ही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जिससे गुजरात के चौतरफा विकास में तेजी आई है।
आज महिलाएं समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सफलता हासिल कर रही हैं। हर देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर महिलाओं के विकास का सीधा असर पड़ता है। गुजरात हमेशा से महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण में अग्रसर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात सरकार ने राज्य की महिलाओं को मजबूत करने के लिए कई महिला केंद्रित पहलें की हैं।
महिला सशक्तिकरण के लिए गुजरात सरकार की प्रमुख योजनाएं
- गौरव नारी नीति : महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक क्षेत्र के बारे में जागरूकता पैदा करने और उन्हें लाभ पहुंचाने की पहल
- बेटी बचाओ-मटरू वंदना यात्रा : इसका उद्देश्य लैंगिक समानता की दिशा में काम करना, महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें अपने अस्तित्व के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है
- कृषि तालीम योजना : इस योजना के तहत सभी ग्रामीण महिलाओं और किसानों की पत्नियों को खेती और अन्य गतिविधियों में प्रयोग होने वाली नवीनतम तकनीक के बारे में सिखाया जाता है
- सखी मंडल योजना : गरीब ग्रामीण महिलाएं बचत और ऋण सिद्धांतों के आधार पर स्वयं सहायता समूह के गठन से अपनी आजीविका को मजबूत करें
- नारी अदालत : ‘महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा’ के मंत्र के साथ नारी अदालत में तलाक, परित्याग, हिंसा, बलात्कार और दहेज के मामले सुलझाए जाते हैं
- चिरंजीवी योजना : यह योजना बीपीएल परिवारों में संस्थागत प्रसव (इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी) को प्रोत्साहित करने के लिए है।
- महिला वृद्धाश्रम : यह उन महिलाओं के लिए है जिनके बच्चे उन्हें छोड़ देते हैं। ऐसे बेसहारा लोगों के लिए वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जाती है।
- कुंवरबाईनूमामेरू योजना : बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजना।
- स्वयंसिद्धि योजना : महिलाओं के सशक्तिकरण और समग्र विकास के लिए एक एकीकृत परियोजना।
- गंगा स्वरूप योजना : विधवा महिलाओं को पेंशन देने के लिए योजना शुरू की गई थी।
- 181 अभयम हेल्पलाइन : गुजरात में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन
- फास्ट ट्रैक कोर्ट : महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का प्रावधान।
- व्हालीदीकरी योजना : पहली कक्षा में बेटियों के प्रवेश के समय 4000 रुपये की सहायता दी जाती है। साथ ही, उच्च शिक्षा और उनकी बेटियों की शादी के लिए सरकार से कुल 1 लाख रुपये की सहायता भी दी जाती है
- मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना : स्वयं सहायता समूहों के तहत कार्यरत सभी महिलाएं 1,00,000 रुपये तक का ऋण ले सकती हैं। यह योजना उन महिलाओं के लिए शुरू की गई थी जिन्हें कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना बना रही है महिलाओं को आत्मनिर्भर
महिला सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए गुजरात सरकार ने एक नई पहल ‘मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना’ को 17 सिंतबर 2020 को लॉन्च किया। इस योजना ने गरीब व मध्यमवर्गीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोविड-19 महामारी ने महिलाओं से जुड़े रोजगार और स्वरोजगार को भी काफी प्रभावित किया है। यही कारण है कि गुजरात सरकार ने संवेदनशीलता के साथ महिलाओं के क्षेत्र से जुड़े स्वरोजगारों और व्यवसायों को हुए नकुसान की भरपाई करने हेतु और साथ ही, नए व छोटे महिला उद्यमियों और महिला व्यवसायियों के लिए अपना कारोबार शुरू करने में मदद के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की।
इस योजना में गुजरात की छोटी महिला उद्यमियों को ब्याज रहित कर्ज देने का विशेष प्रावधान किया गया है। गुजरात सरकार को पूरी उम्मीद है कि राज्य सरकार के इस क्रांतिकारी कदम से राज्य की महिलाएं अब अपने सपनों को साकार कर पाएंगी।
गुजरात सरकार की प्रतिबद्धता है कि श्वेत क्रांति में पशुपालन में सबसे आगे रहने वाली गुजरात की महिलाएं अब इस योजना की मदद से अपने स्वतंत्र व्यवसायों और होम कॉटेज इन्डस्ट्री को आगे बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनें। जो महिलाएं पैसे की कमी के कारण अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर सकती वह इस योजना से अपना बिजनेस शुरू करके ना केवल अपनी बल्कि कई और महिलाओं की भी मदद कर पाएंगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी ऑफ रूरल डेवलपमेन्ट डिपार्टमेन्ट और शहरी क्षेत्रों में गुजरात अर्बन लाइवलीहुड मिशन ऑफ अर्बन डेवलपमेन्ट इस महत्वपूर्ण योजना को लागू कर रही है।
मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना’ के मुख्य बिंदु
- बैंक, महिला स्वयं सहायता समूहों को लोन देता है जिसके बाद स्वयं सहायता समूह के साथ काम करने वाली महिलाओं को संबंधित स्वयं सहायता समूह इस लोन का वितरण करता है
- 10 लाख से अधिक माताओं-बहनों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जा रहा है।
- लोन का ब्याज राज्य सरकार वहन करती है।
- लोन के लिए लगने वाले स्टांप शुल्क को भी राज्य सरकार ने माफ किया है
- मात्र 1000 रुपए के मासिक किस्त में लोन चुकाने का प्रावधान।
- शून्य प्रतिशत ब्याज की वजह से पूरा लोन चुकाने के बाद प्रति महिला समूह को 20 हजार रुपए की बचत हो रही है।
उदय इंडिया ब्यूरो