
दीपक कुमार रथ
(editor@udayindia.in)
मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम है की भारत के निर्यात में भारी उछाल आया है। वास्तव में, अप्रैल 2021-मार्च 2022 वित्तीय वर्ष के दौरान, भारत ने अपने माल को 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था, जिसे उसने 31 मार्च, 2022 से नौ दिन पहले ही हासिल कर लिया। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। निर्यात के क्षेत्र में, इस वित्तीय वर्ष के दौरान निर्यात 37 प्रतिशत बढक़र 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2020-21 के दौरान 292 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह उपलब्धि निश्चित रूप से आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और यह गर्व की बात है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की तबाही एवं कोविड-19 महामारी के दौरान यह उपलब्धि हासिल हुई है। और इसके अलावा, खनिज उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान 13.2 प्रतिशत की संचयी वृद्धि दर्ज की गई है। कोयला मंत्रालय ने कहा, खनन एवं उत्खनन क्षेत्र का खनिज उत्पादन सूचकांक इस वर्ष फरवरी माह में पिछले वर्ष फरवरी की तुलना में 4.5 प्रतिशत अधिक रहा। इस लिहाज से यह खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगर विश्व व्यापार संगठन सहमत होता है तो भारत दुनिया को खाद्यान्न की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। इसके अलावा, मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में मंजूरी दे दी है। इस सन्दर्भ में यह कहना उचित है की आत्मनिर्भर भारत अभियान के बल पर भारत वैश्विक समाज में अपनी एक जगह बना रहा है। आयुध और रक्षा उत्पाद, विनिर्माण क्षेत्र, ऑटोमोबाइल सेक्टर, मोबाइल सेक्टर, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, ड्रग्स और वैक्सीन क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण विदेशों से आयात को रोकेगा, जो न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे भारत दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में भी उभरेगा। अत: यह कहा जा सकता है कि भारत आज इतिहास रचने जा रहा है। और यह समय है कि भारतीय व्यापार में और भी सकारात्मक बदलाव लाया जाए। यहां यह बताना आवश्यक है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए भारत के निर्माण के प्रक्रम में लिया गया निर्णय है। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पांच क्षेत्रों पर अपना ध्यान लगा रही है, जो हैं अर्थव्यवस्था, आधारभूत संरचना, सिस्टम, वाइब्रेंट डेमोग्राफी और डिमांड। सरकार ने इसके लिए कृषि क्षेत्र, टैक्स क्षेत्र में रिफार्म तथा वित्तीय क्षेत्र में कई सारे बदलाव किये है।
आजादी के बाद की दोहरी नीति, आधुनिकता की कमी, नेताओं के स्वार्थ और निजी सेक्टर की भागीदारी की कमी के कारण भारत में आयुध और रक्षा उत्पाद, विनिर्माण क्षेत्र, ऑटोमोबाइल सेक्टर, मोबाइल सेक्टर, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, ड्रग्स और वैक्सीन क्षेत्र की भरपाई विदेशी कंपनियां ही करती रही हैं, जो विदेशी मुद्रा भंडार को कम करता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आयुध और रक्षा उत्पाद, विनिर्माण क्षेत्र, ऑटोमोबाइल सेक्टर, मोबाइल सेक्टर, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, ड्रग्स और वैक्सीन क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण राष्ट्र की इकोनामी को बल प्रदान करता है और दूसरे देशों पर निर्भरता को भी कम करता है। लेकिन यह हमेशा निराश करने वाला तथ्य है कि भारत को विश्व के सबसे बड़े आयातक देशों में ही गिनती होती रही है। लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद के पात्र है कि उनके इस आत्मनिर्भर भारत जैसे कदमों से भारत अपने खुद के पैरों पर खड़ा होगा। यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि भ्रष्टाचार भारत के विकास में रूकावट न बने। यहां यह भी सन्देश छुपा है कि सरकार की ठोस नीति देश की दशा और दिशा को भी बदल रही है। अन्यथा पिछली सरकारों की कमजोर नीतियों की वजह से इन क्षेत्रों में हम दूसरे देशों के ऊपर निर्भर होने के लिए विवश रहे हैं। इसलिए वर्तमान सरकार देश को नयी दिशा देने के लिए धन्यवाद की पात्र है।