
भारत एक विविधताओं का देश है। आपकी पसंद के अनुसार सभी तरह के स्थान भारत में उपलद्ब्रध हैं। बर्फीले प्रदेश से लेकर रेगिस्तान, हरित प्रदेश, समुंदर के किनारे के स्थान, ऐतहासिक स्थल, धार्मिक स्थल, विभिन्न प्रकार की जलवायु आदि। इसीलिए इस गर्मी से राहत के लिए अपने तथा अपनों के लिए समय निकालें और इन पसन्दीदा स्थानों का आनंद लें।
दार्जिलिंग
दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। अप्रैल से जून का महीना दार्जिलिंग जाने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है क्योंकि इस दौरान दार्जिलिंग में बहुत ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती और मौसम सुहावना रहता है। गर्मी के मौसम में भी दार्जिलिंग का औसत तापमान 25 डिग्री के आसपास रहता है। दिनभर अच्छी हवा चलती रहती है और शामें तो और भी सुहावनी होती हैं।
नई दिल्ली और आनंद विहार से दार्जिलिंग जाने के लिए सिर्फ नई जलपाईगुड़ी के लिए ही ट्रेन चलती है। नई जलपाईगुड़ी आनंद विहार से करीब 1500 किमी. और नई दिल्ली से 1450-1550 किमी. की दूरी पर है, जहां पहुंचने में 20-27 घंटे का समय और लगभग 1400 रुपये तक का किराया लग जाता है।
पुरानी दिल्ली से दार्जिलिंग जाने के लिए आप सिलीगुड़ी या नई जलपाईगुड़ी दोनों रेलवे स्टेशनों के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। दार्जिलिंग में कोई हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा बागडोगरा में है, जो दार्जिलिंग से 67.5 किमी दूर है, और हवाई अड्डे से कार द्वारा पहुंचने में लगभग 3 घंटे लगते हैं। बागडोगरा को दिल्ली से जोडऩे वाली कई उड़ानें हैं, क्योंकि इसे हाल ही में एक प्रमुख हवाई अड्डे का दर्जा मिला है।
औसत किराया 4800 से 5700 रूपये प्रति व्यक्ति है, और एक सीधी उड़ान में हवाई अड्डे तक पहुंचने में लगभग 2 से 2:30 घण्टे लगते हैं।
सडक़ दूरी की दृष्टि से ये दोनों स्थान बहुत दूर हैं और इसमें काफी समय लगता है। कार द्वारा लगभग 26 घंटे लगेंगे और लगभग 1500 किमी. की दूरी। इस रूट के लिए आप रास्ते में लखनऊ, पटना और न्यू जलपाईगुड़ी में रात का ब्रेक ले सकते हैं। आप लिटिल तिब्बत रिजॉर्ट, लिटिल सिंगामरी होमस्टे, शांगरी-ला रीजेंसी और मैगनोलिया रेजीडेंसी जैसी जगहों पर रुक सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यहां रुकने के लिए लगभग 1000-1200 रुपये में कमरा आसानी से मिल जाता हैं।
मनाली
दिल्ली से 544 किमी. पूर्वोत्तर में स्थित मनाली एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) है और पर्यटकों के लिए लाहौल और स्पीति जिले तथा लेह का प्रवेश द्वार भी है। हिमालय पर्वत के बर्फ की ऊंची-ऊंची चोटियों से ढंका मनाली प्रसिद्ध है अपने हिल स्टेशन, झरने, नदियां और सर्दियों में स्नो फॉल के साथ-साथ सेव की खेती के कारण देश-विदेश के शैलानियों के आकर्षण का केंद्र है। अगर आप अपने पर्सनल वाहन से वहां जाए तो पहले सुनिश्चित कर ले की आप इतने ऊंचे पहाड़ों और संकरी गलियारों में गाड़ी ड्राइव कर सकते है तभी आप खुद से गाड़ी चलाते हुए जा सकते हैं। दिल्ली, शिमला, लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और चंडीगढ़ जैसे देश के बड़े और नजदीकी शहरों से मनाली जाने के लिए सीधा बसें चलती है, जिससे आप आसानी से देश के इन सभी बड़े शहरों से सीधा मनाली पहुंच सकते हैं।
नजदीक का हवाई अड्डा भुंतर है। यह कुल्लू से 10 किलोमीटर और मनाली से 50 किलोमीटर दूर है। अगर आप ट्रेन, बस से यात्रा करते हुए, डॉरमेट्री मे ठहरने और 3 समय के भोजन और साइट सीइंग का खर्च लगभग 1000 से लेकर 1500 रुपये प्रतिदिन आएगा। यह एक मध्यम दर्जे की आरामदायक यात्रा होगी।
इस समय मॉल रॉड के नार्मल होटल का किराया 2000 रूपये प्रतिदिन हो जाता है और खाने-पीने के साथ घूमने का कन्वेन्स भी महंगा हो जाता है।
शिमला
गर्मी के मौसम में अगर आप फैमिली ट्रिप प्लान कर रहे हैं और वो भी अपने बजट को ध्यान में रखते हुए तो शिमला और कुफरी आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और सुहावना मौसम गर्मियों में भी सुकून पहुंचाता है। दिल्ली से शिमला की दूरी लगभग 344 किमी. है। ज्यादातर यात्री सडक़ मार्ग से दिल्ली से शिमला जाना पसंद करते हैं। ऑप्सन में रेल के माध्यम से दिल्ली से शिमला की यात्रा करना शायद सबसे पसंदीदा यात्रा का विकल्प भी है। हालांकि, दिल्ली से शिमला के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। कालका (शिवालिक पर्वतमाला के बेसिन में स्थित) स्टेशन पर एक स्टॉप है, और फिर ट्रेन शिमला जाती है। बस से यात्रा की अवधि 7-10 घंटे हो सकती है। और लगभग 900 से 1000 रुपये तक का किराया।
अगर दिल्ली से शिमला आप फ्लाइट मे जाना चाहते हैं। इसमें लगभग 1 घंटा 30 मिनट और लगभग 1500 से अधिक का किराया लगता है। वहां आप रुकने का नजरिया देखे तो बाजार के पास वाले शिमला के सर्वश्रेष्ठ और आलीशान होटल जिनका प्रतिदिन किराया 5000 से 6000 रुपये के आसपास होगा जो कि आपकी जेब पर काफी भारी भी पड़ सकता है। और आपकी ट्रिप 40000 रुपये तक हो सकती है। और बाजार से दूर कुछ दूरी पर रुकना पसंद करेंगे तो शायद आप 10000 रुपये के बजट मे भी अच्छे से घूम सकते हैं।
ऊटी
दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु का विश्व प्रसिद्ध शहर ऊटी, एक ओर बेहद खूबसूरत और रोमांटिक स्थल अपने मनोरम दृश्यों के लिए विश्वविख्यात है।
दिल्ली और ऊटी के बीच सडक़ की दूरी बहुत बड़ी है, इसलिए दो स्थानों के बीच यात्रा करने का सबसे पसंदीदा तरीका उड़ान यात्रा और बस या ट्रेन यात्रा का संयोजन होगा।
ऊटी दिल्ली से लगभग 2,470 किमी. दूर है। सडक़ द्वारा यात्रा करने में 43 से 44 घंटे का समय लग जाता है। ट्रेन से यात्रा करना भी संभव है। हालांकि, यह एक बहुत लंबी और थका देने वाली यात्रा होगी, और यहां तक कि सबसे तेज ट्रेनों में भी आपको अपने अंतिम गंतव्य तक ले जाने में लगभग 41 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। हालांकि, यह बजट के अनुकूल विकल्पों के लिए एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि ट्रेन का किराया हवाई टिकट की तुलना में काफी कम है।
उड़ानों का किराया 3050 रुपये से शुरू होता है और पीक सीजन के दौरान यह 4500 रुपये से 5000 रुपये तक जा सकता है। ऊटी में आप मेन बस स्टैंड या ऊटी के मेन मार्केट (ऊटी लेक के पास में है) में होटल ले सकते हैं। यहां पर आपको एक स्टैंडर्ड रूम 800 में मिल जाएगा, लेकिन अगर आप थोड़ा सस्ता रूम लेना चाहते हैं, तो आपको ऊटी के इन्हीं दोनों जगहों पर लगभग 600 में भी एक नॉर्मल रूम मिल जाएगा।
गंगटोक
सिक्किम राज्य का सबसे बड़ा शहर है। गंगटोक घूमने के लिहाज से बेहद ही आकर्षक, प्राकृतिक और बादलों से घिरी हुई ऐसी जगह है, जो आने वाले हर पर्यटक को तरो-ताजा कर सकती है। गंगटोक हिमालय पर्वत माला पर शिवालिक पहाडिय़ों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई स्थित है। गंगटोक में प्राकृतिक सुंदरता से जुडी कई जगह हैं, जिनमें से कुछ मुख्य आकर्षण जैसे त्सोमो झील, बान झाकरी, ताशी व्यू-पॉइंट आदि शामिल है।
दिल्ली से गंगटोक की दूरी लगभग 1570 किमी. है। दिल्ली से गंगटोक आने का सबसे सुविधाजनक और किफायती तरीका बागडोगरा (पश्चिम बंगाल) के लिए एक उड़ान के माध्यम से है और फिर टैक्सी या कैब सेवाओं के माध्यम से आगे की यात्रा है। बागडोगरा हवाई अड्डा होने के कारण जो गंगटोक (124 किमी) के सबसे निकट है।
दिल्ली और गंगटोक के बीच कोई सीधा रेल संपर्क नहीं होने के कारण, न्यू जलपाईगुड़ी जिले (सिलीगुड़ी) में स्थित निकटतम रेलवे स्टेशन की यात्रा करनी चाहिए। गंगटोक से लगभग 150 किलोमीटर दूर, बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, निजी टैक्सी और साझा जीप आसानी से उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक को गंगटोक पहुंचने में लगभग 4.5 घंटे लगते हैं।
बागडोगरा एयरपोर्ट दिल्ली से अगर आते हैं तो 4000 का टिकट लेना पड़ेगा आप बागडोगरा पहुंच जाएंगे। बागडोगरा से आप गंगटोक आते हैं तो बागडोगरा से गंगटोक के बीच की दूरी रहती है 130 किमी. वहां पर अगर आप टैक्सी लेते हैं तो 3000 से 4000 तक मिल जाएगी इसके अलावा अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो चाहे आप देश के किसी भी जगह पर हैं आपको न्यू जलपाईगुड़ी आना पड़ेगा वहां पर आने के बाद आपको सारी ट्रेनें मिल जाएगी। और नार्मल सीट का किराया लगभग 600 रूपये तक होगा। अगर आप एसी ट्रेन से आना चाहते हैं तो 3000 से 4000 तक चार्ज लग सकता है न्यू जलपाईगुड़ी और गंगटोक की बीच की दूरी 17 किमी. ट्रेन से जो आने में समय लगता है वह करीब 4 से 5 हैं वहां से आपको टैक्सी भी मिल जाती है जिसका किराया होता है 200 से 300 प्रति व्यक्ति का। यदि आप बस से आना चाहते हैं तो आपको बस स्टेशन से सिलीगुड़ी स्टेशन आना पड़ेगा वहां से आपको गंगटोक छोड़ देगा जिसमे 70 से 100 बनेगा। बागडोगरा एयरपोर्ट दिल्ली से अगर आते हैं तो 4000 का टिकट लेना पड़ेगा आप बागडोगरा पहुंच जाएंगे।
वहां घूमने का खर्चा कितना आएगा यह तो आपके ट्रैवल क्लास के ऊपर निर्भर करेगा। फिर भी यदि आप मान लो दिल्ली से जा रहे हो और मिडिल क्लास हो तो लगभग 25-30 हजार में 4-6 दिन सामान्य खाना रहना और खरीदारी के साथ कुछ पैसे बचाते हुए आ सकते हो।
तवांग
अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। इस मठ का मुख्य आकर्षण यहां स्थित भगवान बुद्ध की 28 फीट ऊंची प्रतिमा और प्रभावशाली तीन तल्ला सदन है। मठ में एक विशाल पुस्तकालय भी है, जिसमें प्राचीन पुस्तक और पांडुलिपियों का बेहतरीन संकलन है।
तवांग तक सीधे कोई एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन नहीं है लेकिन फिर भी यहां बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल पहुंचते हैं। तवांग से करीब 317 किलोमीटर दूर है। तेजपुर के लिए कोलकाता और सिलचर से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं हालांकि देश के अन्य हिस्सों से तवांग पहुंचने के लिए गुवाहाटी एयरपोर्ट ज्यादा मुफीद है। जो तवांग से करीब 480 किलोमीटर दूर है। गुवाहाटी उतर कर चार घंटे में तेजपुर पहुंच सकते हैं इसके तवांग तक का सफर भी सडक़ से कर सकते हैं।
अगर आप ट्रेन से जाना चाहते नई दिल्ली-गुवाहाटी रुट पर लगभग 5 ट्रेनें चलती हैं और 1845 किमी. की दूरी तय करती हैं। जिसका 700 से 800 रुपये प्रतिव्यक्ति किराया है। और रुकने के लिए होटलों का 1500 से लेकर 5000 तक प्रतिदिन हो सकता है।
डलहौजी
डलहौजी की यात्रा ऐसे सभी लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो पहाड़ों की खुली हवा में अच्छा समय बिताना चाहते हैं। डलहौजी हिल स्टेशन, हिमाचल प्रदेश के प्राचीन पहाड़ी शहरों में से एक है।
दिल्ली से डलहौजी की दूरी लगभग 560 किमी. से ऊपर की है। दिल्ली और चंबा के बीच सीधी बसें चलने से अधिकांश लोग बस से डलहौजी पहुंचते हैं।
डलहौजी एक अच्छे सडक़ नेटवर्क के साथ सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। पठानकोट से बस से डलहौजी पहुंचने में लगभग 2-3 घंटे लगते हैं। एचआरटीसी परिवहन यात्रा का सबसे पसंदीदा और विश्वसनीय साधन है। डलहौजी के लिए सीधी बस आईएसबीटी कश्मीरी गेट, नई दिल्ली से चलती है। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की एक साधारण बस का प्रतिव्यक्ति किराया 650 रुपये होगा, जबकि एक एसी वॉल्वो का किराया लगभग 1450 रुपये होगी। औसत यात्रा का समय 14 घंटे है। दो-तरफा यात्रा (नई दिल्ली-डलहौजी-नई दिल्ली), बस/टैक्सी द्वारा आवास, भोजन और स्थानीय यात्रा को ध्यान में रखते हुए, 2 दिनों के डलहौजी की बजट यात्रा के लिए अनुमानित राशि 6000 से 7000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि आप खरीदारी में कटौती करते हैं तो आपकी डलहौजी यात्रा के दौरान खर्च की गई राशि भी कम हो सकती है।
मुन्नार
दक्षिण भारत के केरल राज्य में स्थित एक खुबसूरत हिल स्टेशन है जो अपने चाय के बागानों और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। मुन्नार भारत के सबसे बड़े चाय के बागान है इन्ही चाय के बागानों के कारण मुन्नार सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन बन गया है।
दिल्ली से मुन्नार रोड की दूरी 2650 किमी. के लगभग है। दो अलग-अलग राज्यों और देश के कुछ हिस्सों के बीच सडक़ की दूरी बहुत कठिन है, इसलिए दिल्ली से मुन्नार की यात्रा करने का सबसे पसंदीदा तरीका उड़ान या ट्रेन है।
उड़ान के माध्यम से निकटतम हवाई अड्डा, कोचीन हवाई अड्डा मुन्नार से 110 किमी दूर है। दिल्ली और कोचीन के बीच कई नॉन-स्टॉप और कनेक्टिंग उड़ानें दैनिक उड़ान के साथ कुशल हवाई संपर्क है। दिल्ली और कोचीन के बीच हवाई दूरी 2080 किमी. है, और कोचीन हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए सीधी उड़ान में लगभग 2 घंटे 50 मिनट लगते हैं। और प्रति व्यक्ति किराया 6000 से 7000 के आसपास होता है। दिल्ली और कोचीन के बीच की रेल दूरी 2650 किमी. है, जिसमें लगभग 37 घंटे से 45 घंटे के बीच का समय लगता है। और इसका प्रतिव्यक्ति किराया 4000 से 5000 के आसपास होता है। अगर मुन्नार में रुकने की व्यवस्था देखी जाए तो बाजार से एक किमी. दूर वाले होटल का एक दिन किराया लगभग 1000 से 1500 तक हो सकता है और यही बात हम बाजार के पास वाले होटलों की करें तो उनका किराया 2000 से 3000 भी हो सकता है तथा इससे ऊपर भी हो सकता है।
उदय इंडिया ब्यूरो