
देवभूमि हिमाचल में चुनाव नजदीक हैं और चुनावी रस्साकशी पुरजोर तरीके से चालु है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चालू हो चूका है। इन चुनावों से जहां कांग्रेस सत्ता में वापसी के मंसूबे पाल रही है तो भाजपा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पुनरावृति की सोच में है। हालिया संपन्न हुए पांच राज्यों के नतीजों से खुश भाजपा हिमाचल में अपने विकास की गाथा के सहारे फिर से लोगों का जनमत हासिल करने कोशिश में लगी हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भाजपा के दूसरे ‘योगी’ साबित हो सकते हैं, क्योंकि पिछले चार सालों से तन-मन से हिमाचल की जनता के विकास में ही उन्होंने अपना ‘ध्यान’ लगाया है। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र को विकास के मामले में उचित महत्व मिले और उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जो किसी न किसी कारण से विकास के मामले में उपेक्षित रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें भी कोई शक नहीं है की पिछले 4 साल में हिमाचल ने अपनी अलग पहचान बनाई है और कई मुद्दों पर बाकी प्रदेशों से कहीं आगे है। हालांकि, इन 4 सालों में कोरोना के चलते केवल 2 साल ही सरकार को काम करने का मौका मिला लेकिन फिर भी काम नहीं रुके। सड़क, शिक्षा, टूरिज्म हर क्षेत्र में हिमाचल ने शानदार काम किया है।
देवभूमि हिमाचल के लाखों परिवारों को राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाएं वरदान साबित हो रही हैं। विपक्षियों के तमाम आरोपों के बावजूद यही दीखता है की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार ने राज्य तथा प्रदेशवासियों को सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से सभी क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार द्वारा इन योजनाओं के अंतर्गत नवजात शिशु से लेकर वृद्धजनों तक लाभान्वित करने का प्रयास किया गया है। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। आइये नजर डालें इन योजनाओं पर:-
वृद्धा पेंशन योजना
हिमाचल सरकार ने बुजुर्गों का सम्मान करते हुए वृद्धा पेंशन योजना शुरू की है। सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष किया गया। 2,90,194 से अधिक लाभार्थिओं को प्रतिमाह 1500 रुपए की पेंशन प्रदान की जा रही है। इस योजना के लिए सरकार ने गत दो वर्षों में लगभग 1180 करोड़ धन व्यय किया है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन
सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। सरकार ने गत अढ़ाई वर्षों में पेंशन राशि और पेंशन धारकों की वृद्धि हेतु कारगर पग उठाए। राज्य सरकार ने कोरोना संकट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का त्रैमासिक अग्रिम भुगतान किया जिससे प्रदेश के कमजोर वर्गों को काफी राहत मिली है। प्रदेश में कुल 577604 सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारक हैं, जिनके लिए प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये व्यय किए जाते हैं।
मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसम्बर, 2019 को घोषणा की थी कि हिमाचल प्रदेश भारत का पहला धुआंमुक्त राज्य है। यह सब गृहिणी सुविधा योजना के कारण संभव हुआ है। योजना के तहत 2 लाख 78 हजार से अधिक परिवारों को गैस कनेक्शन दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपए व्यय किए गए। मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से वंचित रहे प्रदेश के परिवारों को एलपीजी गैस कनैक्शन वितरित किए जा रहे हैं। यह योजना शुरू होने से प्रदेश में सभी परिवारों के पास अब गैस कनेक्शन हैं।
मुख्यमंत्री आवास योजना
प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण हेतु 1.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 4618 से अधिक हो गया है। सरकार ने इस वर्ष 10,000 मकानों को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हिम केयर योजना
हिमाचल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना से शेष बचे परिवारों को 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुविधा प्रदान करने हेतु हिम केयर योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 5,50,000 से अधिक परिवार पंजीकृत हो गए हैं। इसके अतिरिक्त 1 लाख से अधिक परिवारों को योजना का लाभ भी प्राप्त हो चुका है, जिस पर सरकार द्वारा 85 करोड़ की राशि व्यय की गई है।
जनमंच कार्यक्रम
हिमाचल सरकार ने प्रदेशवासियों की समस्याओं का समाधान घरद्वार के समीप करने हेतु जनमंच कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत मांगपत्रों व शिकायतों के 47848 मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 43548 मामले निपटाए गए जोकि 91 प्रतिशत है। प्रत्येक माह के एक दिन हर जिला में आयोजित होने वाले जनमंच कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश कैबिनेट मंत्री, उपायुक्त सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर ही जनशिकायतों का निपटारा करने का पूरा प्रयास करते हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत बेटी है अनमोल योजना में 8748 पात्र बेटियों और उनके अभिभावकों को लाभान्वित किया गया। प्रदेश में लगभग 7,19,088 डिजिटल राशन कार्ड बनाए गए। इसके अतिरिक्त 54,948 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण एवं टीकाकरण किया गया और 692 सार्वजनिक शौचालय भी पूर्ण किए गए।
प्राकृतिक खेती-खुशहाल किसान योजना
हिमाचल सरकार द्वारा दो वर्ष पूर्व शुरू की गई सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती योजना के अंतर्गत 31 जुलाई, 2020 तक प्रदेश के 12 जिलों की 2957 पंचायतों में 77106 किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश के 80 विकास खंडों में 74202 किसान परिवारों ने 3556 हेक्टेयर भूमि पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को अपने खेतों में शुरू किया, इनमें से 6702 बागवानों ने 230 बीघा बागीचों में प्राकृतिक खेती विधि को अपनाया है। हिमाचल सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के सभी 9.61 लाख किसानों को इस योजना से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सहारा योजना
हिमाचल सरकार द्वारा गंभीर बीमारियों पार्किन्सन, मलाईन्ड कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हैमोफिलिया तथा लेसेमिया इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ की आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 से सहारा योजना को शुरू किया गया है। योजना के अंतर्गत उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित लोगों को 2,000 रुपये प्रतिमाह का वित्तीय लाभ दिया जा रहा है, जिसे अब बढ़ाकर 3000 रुपये किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 9,147 से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना
हिमाचल सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत स्थानीय उद्यम एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु 18-45 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। इसमें मुख्यत: संयत्र मशीनरी के निवेश हेतु 60 लाख के निवेश पर युवकों को 25 प्रतिशत, महिलाओं को 30 प्रतिशत तथा विधवाओं को 35 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 798 इकाइयों को आरंभ की गई हैं जिसमें सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है।
मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना
हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार तलाशने की जगह रोजगार उपलब्ध कराने को प्रेरित करना है। इस योजना के अंतर्गत उद्यम स्थापित करने के लिए युवाओं को योजना का काफी लाभ प्राप्त हो रहा है। हिमाचल सरकार द्वारा लगभग 100 लाभार्थियों को 1.69 करोड़ रुपए का लाभ दिया जा चुका है।
अटल वर्दी योजना
हिमाचल सरकार अटल वर्दी योजना के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दो वर्दियां प्रदान कर रही है। वर्ष 2018-19से इस योजना के अंतर्गत कक्षा पहली से बाहरवीं तक के 8,30, 945 विद्याथियों को नि:शुल्क स्कूल वर्दी दी जा चुकी है, जिसमें 73.50 करोड़ का व्यय हुआ है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कक्षा पहली, छठी व नौंवी के 2,56,514 विद्यार्थियों को 7.84 करोड़ की लागत से 2,56,514 स्कूल बैग भी वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा एवं निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी हेतु वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। योजना के अंतर्गत अब तक 2,268 परिवारों को 9.92 करोड़ रुपए व्यय करके लाभान्वित किया गया है।
बेटी है अनमोल
हिमाचल सरकार बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी दो बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 12000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 46,401 लोगों को 12.63 करोड़ रुपए खर्च करके लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना
हिमाचल सरकार ने जनता की शिकायतों का शीघ्र समाधान करने के उद्देश्य से राज्य में मुख्यमंत्री सेवा सकंल्प-1100 स्थापित की है। इस योजना के अंतर्गत अगस्त, 2020 तक 113848 शिकायतें दर्ज हुई हैं। दर्ज शिकायतों में से 90,760 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है, शेष शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है।
अटल आशीर्वाद योजना
इस योजना के अन्तर्गत नवजात शिशु की जांच एवं इलाज हेतु राज्य के सभी सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत अब तक 77,000 से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष
प्रदेश सरकार ने राज्य के निर्धन परिवारों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया है। जो परिवार किसी बीमारी से ग्रसित हो और धन के अभाव से अपना उपचार न करवा पा रहा हो, उसे इस कोष के तहत राहत राशि प्रदान की जाती है। अब तक इस कोष के अंतर्गत 513 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। इसके लिए 7.16 करोड़ की राशि व्यय की गई है।
पंचवटी योजना
हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई पंचवटी योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन के साथ पार्क और बागीचों की सुविधा उपलब्ध करवाना हैै। इसके अतरिक्त पार्कों में युवाओं के लिए जिम की व्यवस्था भी की जा रही है। इन पार्कों में आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे लगाने के अलावा बुजुर्गों के लिए मनोरजंन के लिए मनोरंजक उपकरण, पैदल पथ और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत अगस्त, 2020 तक 256 स्थानों का चयन कर दिया गया है तथा 43 स्थानों में कार्य शुरू हो चुका है।
पर्वत धारा
हिमाचल सरकार ने विलुप्त हो रहे जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार तथा ढलानदार खेतों में प्रवाह सिंचाई परियोजना के माध्यम से सिंचाई उपलब्ध करवाने हेतु ”पर्वत धारा” योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत सेटेलाइट इमेज के आधार पर जल संग्रहण जलाशयों का निर्माण किया जा रहा है इनका रखरखाव तथा प्रबंधन मनरेगा के अंतर्गत किया जा रहा है। इस पहल से गर्मी के मौसम में सिंचाई का प्रावधान हो पाएगा और भू-जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार होगा। सरकार द्वारा इस योजना पर 2020-21 में 20 करोड़ रुपए खर्चे किए जा रहे हैं।
हिमाचल पुष्प क्रांति योजना
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के अंतर्गत उच्च गुणवत्ता एवं मूल्य वाले फूलों की संरक्षित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2020 में 2 लाख 47 हजार वर्ग मीटर खेती को इसके अंतर्गत लाया जा रहा है। अब तक 20 करोड़ रुपए खर्च कर 1 हजार 87 बागवानों को लाभ प्रदान किया जा चुका है तथा 1 लाख 48 हजार 217 वर्ग मीटर क्षेत्र को इसके अंतर्गत लाया जा चुका है।
मुख्यमंत्री मधु विकास योजना
व्यवसायिक मौन पालन एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस मुख्यमंत्री मधु विकास योजना को आरंभ किया गया है। इस वर्ष 7250 बागवानों को लाभ प्रदान किया गया है तथा 8.27 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है।
खुम्ब विकास योजना
हिमाचल प्रदेश में किसानों में खुम्ब उत्पादन में बढ़ती रूचि को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री खुम्ब विकास योजना को वर्ष 2019-20 में आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 10 करोड़ रुपए की धनराशि को बागवानों में उपदान के रूप में आवंटित करने के लिए प्रावधान किया गया है। खुम्ब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2.90 करोड़ रुपए की धनराशि 828 बागवानों को उपदान के रूप में आवंटित की गई है।
मुख्यमंत्री एक बीघा योजना
हिमाचल सरकार द्वारा मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के अंतर्गत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की परिकल्पना की गई है। योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा ( 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। योजना में 5,000 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 1.50 लाख महिलाएं शामिल की जाएंगी।
स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना (ज्ञानोदय)
हिमाचल सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए क्लस्टर स्कूलों को उन्नयित करने के लिए ”स्वर्ण जयन्ती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना (ज्ञानोदय)” शुरू की है। योजना के तहत 100 क्लस्टर स्कूलों में बच्चों/शिक्षकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही है, जिनमें बेहतर टॉयलट, बिजली और पंखों की व्यवस्था, स्मार्ट कक्षा, फर्नीचर, पानी, लाईब्रेरी, खेलकूद सुविधा शामिल है। इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती विद्यार्थियों के अनुपात से की जाती है। इस योजना के लिए 15 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना
इस योजना के अंतर्गत 68 स्कूलों का चयन किया जा चुका है। जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 500 या इससे अधिक है, को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत स्कूलों का नवीकरण किया जाएगा, जिसमें फर्नीचर का प्रावधान, विद्यालय प्रांगण विकसित करना, खेलकूद सुविधाओं में सुधार, जिम, स्मार्ट क्लास तथा विज्ञान प्रयोगशालाएं, बेहतर शौचालय और पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है।
उत्कृष्ट योजना
हिमाचल सरकार ने राज्य के 9 महाविद्यालयों को ”उत्कृष्ट”महाविद्यालयों के रूप में चयन किया है यहां जिम तथा अन्य सुविधाएं स्थापित होंगी। इन महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को उन विभिन्न विषयों के चयन करने का अवसर मिलेगा जो अन्य महाविद्यालयों में उपलब्ध नहीं हैं। ”उत्कृष्ट” महाविद्यालयों में टीचर थॉट रेडियो मानदंडों के अनुसार रखा जाएगा। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 9 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है।
स्वर्ण जयन्ती सुपर 100 योजना
हिमाचल सरकार ने व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेश के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दृष्टिगत ”स्वर्ण जयन्ती सुपर 100” योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 10वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लेने वाले 100 विद्यार्थियों को व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश हेतु आवश्यक प्रशिक्षण के लिए 1 लाख रुपए प्रति विद्यार्थी अनुदान सहायता प्रदान की जा रही है।
नई राहें नई मंजिलें
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनच्छुए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने ”नई राहें नई मंजिलें” योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के मनमोहक क्षेत्र जो कि पर्यटन की दृष्टि से अनच्छुए हैं, उन्हें करोड़ों की लागत से संवारा जा रहा है। नई राहें नई मंजिलें योजना के प्रथम चरण में सात स्थानों पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना
हिमाचल सरकार ने शहरी क्षेत्र में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की है। योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में हर घर में 120 दिनों का गारंटीड मजदूरी रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत 300 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है, वहीं 900 से अधिक व्यक्तियों ने रोजगार प्राप्त करने के लिए अपना पंजीकरण करवाया है।
मल निकासी योजना
हिमाचल सरकार द्वारा राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को बनाए रखने के लिए मल निकासी योजना को शुरू किया गया है। योजना के अंतर्गत परवाणु,कालाअम्ब, त्रिलोकपुर, मनाली व मंडी में मल निकासी योजनाओं के अपग्रेडेशन एवं स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। सरकार द्वारा 7 ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी आबादी वाली बस्तियों में भी मल निकासी योजना चलाने हेतु 35 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
गौ-सदन
हिमाचल सरकार ने बेसहारा गौवंश की समस्या के निवारण हेतु फरवरी, 2019 में गौसेवा आयोग का गठन किया है। प्रदेश में 182 गौसदनों में 13,337 गौवंश को आश्रय प्रदान किया गया है। एक वर्ष के भीतर सभी 36,311 गौवंश को आश्रय प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में 8 गौ अभ्यारणों व 2 बड़े गौ सदन का निर्माण और विभिन्न जिलों में स्थित 19 छोटे गौसदनों के सुदृढी़करण और विस्तार करने का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मोक्ष धाम योजना
हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई मोक्ष धाम योजना के अंतर्गत प्रदेश की प्रत्येक पंचायत में मोक्ष धाम बनाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने दिवंगत आत्माओं को गरिमा प्रदान करने हेतु इस योजना को शुरू किया है। योजना के अंतर्गत 11.81 करोड़ रुपए की राशि व्यय कर प्रदेश में 1691 मोक्षधाम बना दिए गए हैं।
सौर सिंचाई योजना
हिमाचल सरकार सौर योजना के अंतर्गत सिंचाई संबंधी उपकरण के लिए उपदान प्रदान कर रही है। योजना के अंतर्गत सौर पम्पों से सिंचाई हेतु जल को उठाना, आवश्यक अधोसरंचना की स्थापना तथा व्यक्तिगत एवं सामुदयिक स्तर पर 1 एच.पी. से 10 एच.पी. तक के सोलर पम्प पर 85 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 1185 नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं, इसके लिए सरकार ने 38,84 करोड़ रुपए की राशि व्यय की है।
जल से कृषि को बल
इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में उपयुक्त स्थलों पर चैकडम एवं तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। इन चैकडम एवं तालाबों से किसान खेतों की सिंचाई के लिए पानी का उपयोग कर रहे हैं। योजना के अंतर्गत 835 किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिसके लिए सरकार ने 47.70 करोड़ रुपए व्यय किए हैं।
राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम
हिमाचल सरकार इस योजना के अंतर्गत छोटे एवं मध्यम कृषकों, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लाभार्थियों को ट्रेक्टर, पावर टिलर, बीडर एवं घास, फसल काटने की मशीनों पर 50 प्रतिशत उपदान उपलब्ध करवा रही है। योजना के अंतर्गत प्रदेश के इच्छुक युवाओं व बेरोजगार कृषक समूहों, सहकारी साभाओं को अपने क्षेत्र में कृषि उपकरण सुविधा केंद्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में 40 प्रतिशत उपदान का भी प्रावधान है। अब तक इस योजना से 1,09,630 नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं, इस पर सरकार द्वारा 56.50 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना
हिमाचल सरकार की मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत बंदरों व बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने हेतु सौर एवं कांटेदार बाड़ लगाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। समूह आधारित बाढ़बंदी के लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत अब तक 2,592 लाभार्थियों को 80.36 करोड़ रुपए का धन व्यय किया गया है।
उत्तम चारा उत्पादन योजना
उत्तम चारा उत्पादन योजना के अंतर्गत किसानों को उपदान के गुणात्मक बीज उपलब्ध करवा जा रहा है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों को चारा काटने की मशीन के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत अब तक 4,41, 220 लाभार्थियों को 22.23 करोड़ रुपए का धन व्यय किया गया है।
मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना
इस योजना के अंतर्गत कृषि मशीनरी के प्रयोग के दौरान किसानों तथा खेतीहर मजदूरों के घायल होने अथवा उनकी मृत्यु होने की सूरत पर सहायता प्रदान की जाती है। योजना के लिए पात्रता की आयु सीमा 14वर्ष से अधिक रखी है। राज्य सरकार द्वारा अब तक 42 लाभार्थियों को 24.8 लाख रुपए का धन व्यय किया गया है।
मुख्यमंत्री राहत कोष
हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से प्रदेश के असहाय एवं जरुरतमंद लोगों की आर्थिक मदद कर रही है। अगस्त, 2020 तक इस कोष के माध्यम से राज्य सरकार ने 14,995 नागरिकों को सहायता प्रदान की गई है। हिमाचल सरकार ने इस कोष के तहत 43 करोड़ रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान कर दी है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के अंत में होने हैं। वहीं इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने रोडमैप तैयार कर दिया है। राज्य के बजट सत्र में जयराम सरकार ने 5 बिल को पास किए हैं। भाजपा की जयराम सरकार हिमाचल के नागरिकों के विकास और उनके दिक्कतों को देखते समझते हुए इन पांच बिलों को लेकर आयी है। कहीं ना कहीं इसमें भी आम जनता की भलाई ही छुपी हुयी दिखती है। यह है सरकार के पांच प्रमुख बिल:
स्लम इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों को 75 वर्ग मीटर जमीन का अधिकार देने का बिल सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बिल से शिमला के स्लम इलाकों में रहने वाले 3 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा भी होगा।
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को प्रदेश में 60 यूनिट मुफ्त बिजली का फायदा मिलेगा। वहीं 60 हीं से 125 यूनिट बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं का प्रति यूनिट शुल्क 1.90 से घटाकर 1 रुपये कर दिया गया है। जयराम सरकार की इस योजना से प्रदेश की 20 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को फायदा होगा। वहीं किसानों के लिए सिर्फ 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली बिल देना होगा। जबकि पहले यह 50 पैसे प्रति यूनिट था। सरकार की इस रियायत से किसान और घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा मिलेगा।
नगर निगम क्षेत्रों में पानी से जुड़े टैक्स को भी सरकार ने कम किया है।
इसके अलावा कचरा प्रबंधन ,पार्किंग रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर भी बड़े कदम उठाए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या को देखते हुए जयराम सरकार ने बजट में 30 हजार नई नौकरियों के लिए भर्ती निकालने की भी योजना बनायीं है।
इसमें कोई शक नहीं की पिछले चार सालों में हिमाचल के मुख्यमंत्री लगातार, बिना रुके वहां के जनता के विकास का जो सपना वह लेकर आये थे उसे पूरा करने में लगे हुए हैं।
नीलाभ कृष्णा