
देहरादून: उत्तराखंड की चंपावत सीट पर हुए उपचुनाव में वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जबदस्त जीत दर्ज की है। उन्हें लगभग 93 फीसदी रिकॉर्ड वोट हासिल हुए। वहीं कांग्रेस की उम्मीदवार निर्मला गहतोडी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।
धामी के लिए बीजेपी ने झोंकी ताकत
उत्तराखंड में हाल ही में चुनाव हुए थे। जिसमें बीजेपी को तो जीत मिल गई थी, लेकिन खटीमा सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद चुनाव हार गए थे। हालांकि इस हार के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर धामी को विधानसभा सीट पर जीत हासिल करनी ही थी। अन्यथा उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन जाती।
यही वजह है कि बीजेपी ने धामी को जिताने के लिए पूरी तरह कमर कस ली थी। बीजेपी के दिग्गजों ने चंपावत उपचुनाव में धामी के लिए प्रचार किया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष तौर पर पुष्कर सिंह धामी के लिए कैंपेन किया। उत्तराखंड की पूरी कैबिनेट अपने मुख्यमंत्री के लिए चुनाव प्रचार में उतरी हुई थी। यही वजह है कि पुष्कर सिंह धामी को 54 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल हुई।
कांग्रेस ने निर्मला को अकेला छोड़ दिया
उधर मुख्यमंत्री धामी के सामने कांग्रेस ने निर्मला गहतोडी को चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। निर्मला गहतोडी को सिर्फ 3233 वोट ही हासिल हुए। दरअसल निर्मला को कांग्रेस ने टिकट तो दे दिया। लेकिन उनकी जीत के लिए किसी तरह की कोशिश नहीं की गई। एक तरह से उन्हें अकेला छोड़ दिया गया।
निर्मला गहतोडी को अपनी हार का एहसास नतीजे आने से पहले ही हो गया था। उन्होंने बयान दिया था कि उनके अपने लोगों ने उन्हें धोखा दिया और अकेला छोड़ दिया। निर्मला का कहना था कि मेरे पास मेरी 137 साल पुरानी पार्टी का चुनाव चिन्ह था। इसके अलावा पार्टी की तरफ से उन्हें कोई भी सहयोग नहीं मिला। उन्होंने निराश जताते हुए कहा कि इस चुनाव में मैं अकेली चलती रही। कई वरिष्ठ नेताओं ने जब निवर्तमान मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। तब उन्होंने अपनी पार्टी की खातिर मुख्यमंत्री से टक्कर लेने का फैसला किया। लेकिन मुझे अकेला छोड़ दिया गया।
यही वजह है कि निर्मला गहतोडी को कुल मतदाताओं में से 10 फीसदी से भी कम वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।