
नई दिल्ली: कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बनाने वाले दरिंदों की खैर नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह(Home minister Amit Shah) ने अब कमान अपने हाथों में ले ली है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) अजीत डोभाल(Ajit Doval), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग(RAW) के मुखिया सामंत गोयल से उनकी मुलाकात हो चुकी है। अब गृहमंत्री ने कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से जमीनी हालात की जानकारी ले ली है।
हिंदुओं के कत्लेआम से नाराज गृहमंत्री
कश्मीर(Jammu Kashmir) में आतंकवाद का नया दौर शुरु हो गया है। एक के बाद एक कश्मीरी हिंदुओं(Kashmiri Hindu) की हत्या की जा रही है। गुरुवार को बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को तुरंत NSA अजीत डोभाल और रॉ प्रमुख सामंत गोयल से मुलाकात की और हालात का जायजा लिया। इसके अगले दिन उन्होंने जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ कई दौर की बैठक की। गृहमंत्री की सक्रियता को देखकर लगता है कि कश्मीर में केन्द्र सरकार जल्दी ही कोई कड़ा कदम उठाने वाली है।
आतंक फैलाने की योजना साल भर पहले बनी
आतंकवादी गुटों ने गुलाम कश्मीर यानी पीओके(POK) में बैठकर कश्मीर में आतंकवाद का नया दौर शुरु करने की योजना बनाई थी। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सितंबर के महीने में मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी की बदनाम खुफिया एजेन्सी आईएसआई(ISI) ने कई आतंकी संगठनों की बैठक बुलाई थी। जिसमें धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में तेजी से सुधरते हालात को फिर से बिगाड़ने की रणनीति तैयार की गई । देश के दुश्मनों ने कश्मीर में 200 लोगों की लिस्ट तैयार की। जिनकी हत्या की जानी है। इसमें से 10 लोगों की हत्या पिछले 26 दिनों में की जा चुकी है।
नए आतंकियों की भर्ती
खबर है कि इस बार आतंकवादी संगठनों ने आतंक फैलाने के लिए ऐसे युवाओं का इस्तेमाल शुरु किया है, जिनका कोई भी आपराधिक या आतंकी रिकॉर्ड नहीं रहा है। इन लोगों को पहले की तरह ट्रेनिंग भी नहीं दी जाती है। खुफिया सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि नए नामों से आतंकी गुट बनाए जा रहे हैं। आईएसआई ने नए आतंकियों की भर्ती के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल शुरु किया है। वो स्थानीय युवाओं को ड्रग्स की लत लगा देती है। फिर उन्हें मुफ्त में ड्रग्स देने का लालच देकर हथियार पकड़ा दिया जाता है और हत्या के लिए कहा जाता है। इन लोगों को आतंकी बनाने के लिए किसी तरह की ट्रेनिंग भी नहीं दी जाती है और इनका कोई रिकॉर्ड भी सुरक्षा बलों के पास नहीं होता है। जिसकी वजह से इन्हें गिरफ्तार करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या में इसी तरह का पैटर्न दिखाई दिया है। क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि मास्क पहना हुआ एक आतंकवादी बैंक मैनेजर की केबिन के पास दिखाई देता है और फिर चला जाता है। लेकिन वह फिर लौटकर आता है और मैनेजर विजय कुमार के केबिन के गेट पर पहुंच जाता है। फिर अपने बैग से पिस्तौल निकालकर दो गोलियां दाग देता है। जो कि अपने काम में व्यस्त मैनेजर विजय कुमार के लगीं और उनकी मौत हो गई।