
नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव की गहमागहमी खत्म हो गई है। उपरी सदन की कुल 57 सीटें खाली हुई थीं। जिसमें से 16 सीटों पर करीबी मुकाबला हुआ, जबकि बाकी सीटों 41 पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
16 सीटों के लिए भारी दांव पेंच
इस बार के राज्यसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा में बहुत घमासान हुआ। तीन राज्यों में क्रॉस वोटिंग हुई। नियमों के उल्लंघन के आरोप की वजह से हरियाणा और महाराष्ट्र में 8 घंटे के लिए मतगणना रोकनी भी पड़ी। महाराष्ट्र में भी घमासान मचा रहा। यहां पर शिवसेना (Shiv Sena), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) और कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी के जबड़ों के बीच से भाजपा तीन सीटें निकालकर ले गई। हरियाणा में भी क्रॉस वोटिंग हुई। वहां कांग्रेस के बड़े नेता अजय माकन को हार का सामना करना पड़ा। जबकि भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को जीत हासिल हुई।
लेकिन राजस्थान में गहलोत(Rajasthan CM Ashok Gahlot) ने कांग्रेस की इज्जत बचा ली। यहां की चार सीटों में से कांग्रेस ने तीन पर कब्जा जमा लिया और भाजपा को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा। यहां भाजपा की एक विधायक शोभारानी कुशवाहा की क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा समर्थित मीडिया टायकून सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा। जिसे देखते हुए शोभारानी को पार्टी के निलंबित कर दिया गया है।
जानिए क्या था राज्यसभा के सीटों का समीकरण
इस साल राज्यसभा में 15 राज्यों की 57 सीटें खाली हुई थीं। जिसमें सबसे ज्यादा 11 सीटें उत्तर प्रदेश की थीं। इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु में छह छह सीटें खाली हुई थीं। बिहार की पांच सीटें खाली हुई थीं। कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में चार – चार सीटें खाली हुी थीं। मध्य प्रदेश और ओडिशा से तीन तीन सीटें खाली हुई थीं। पंजाब, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से दो दो सीटें खाली हुई थीं। एक सीट उत्तराखंड से खाली हुई थी। जिसके लिए चुनाव हुए। शुक्रवार को देर रात नतीजों का ऐलान किया गया।
कुछ ऐसे रहे चुनावी नतीजे
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 सीटों के लिए चुनाव हुए थे। देश के सबसे बड़े राज्य की आठ सीटें भाजपा की झोली में गईं और एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीत ली। यूपी की एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली है। यूपी में इस बार भाजपा को तीन सीटों का फायदा हुआ है। जबकि बहुजन समाज पार्टी और सपा के दो-दो सीटों का और कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हुआ है।
तमिलनाडु की जिन छह सीटों में से तीन डीएमके(DMK) और तीन एआईएडीमके(AIADMK) के पास थी। लेकिन इस बार चुनाव के बाद एआईएडीएमके के पास सिर्फ दो सीट रह गई है। दक्षिण के इस राज्य में कांग्रेस का खाता खुला है। पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम(P Chidambaram) तमिलनाडु से सांसद बने हैं। जबकि डीएमके के तीन सांसद बरकरार हैं।
बिहार की पांच सीटों में से दो पर भाजपा और दो पर राजद के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि एक सीट जदयू को मिली है। राजद की तरफ से जीतने वाले उम्मीदवारों में लालू यादव की बेटी मीसा भारती का भी नाम है।
कर्नाटक में बीजेपी ने तीन और कांग्रेस ने एक सीट जीत ली है। जनता दल सेक्युलर(JDS) अपनी सीट हार गई। कर्नाटक से भाजपा की निर्मला सीतारमण, जग्गेश और लहर सिंह सिरोया राज्यसभा पहुंचे हैं। जबकि कांग्रेस के जयराम रमेश को एक सीट पर जीत हासिल हुई है।
यहां हुआ निर्विरोध निर्वाचन
आंध्र प्रदेश की चारों सीटों पर सभी उम्मीदवार निर्विरोध रूप से निर्वाचित हुए। भाजपा को यहां तीन सीटों का नुकसान हुआ। यहां की सभी चारों सीटें वाईएसआर कांग्रेस ने जीत ली। जिसके बाद उच्च सदन में उसके सांसदों की संख्या एक से बढ़कर चार हो गई है।
मध्य प्रदेश की तीन में से दो सीटों पर भाजपा और एक पर कांग्रेस उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है।
छत्तीसगढ़ की दोनों सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए।
तेलंगाना की दो सीटों पर टीआरएस उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए।
पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल को नुकसान उठाना पड़ा। यहां की दोनों सीटों पर आम आदमी पार्टी(AAP) के उम्मीदवार निर्विरोध रूप से विजयी हुए।
झारखंड में दो सीट पर चुनाव हुआ। यहां से झामुमो(JMM) और भाजपा के एक-एक उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिली।
उत्तराखंड की एक सीट पर हुए चुनाव में भाजपा का कब्जा बरकरार रहा। यहां से भाजपा की कल्पना सैनी निर्विरोध रूप से जीत गईं।
ओडिशा की तीनों सीटों पर बीजू जनता दल(BJD) के उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए।
चुनाव के बाद क्या हैं हालात
इस बार राज्यसभा चुनाव नतीजों के बाद भाजपा(BJP) की सीटों संख्या 21 हुई है। उसके 14 सांसद निर्विरोध चुने गए। लेकिन भाजपा के कोटे से 26 सीटें खाली हुई थीं। भाजपा समर्थित निर्दलियों को भी जोड़ लिया जाए तो पार्टी के पास अब उच्च सदन में 95 सीटें हैं।
कांग्रेस को फायदा हुआ है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान से उसके सांसद चुने गए हैं। उसे चार सीटों का फायदा हुआ है। बसपा(BSP) का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। जबकि आम आदमी पार्टी के अब 10 राज्यसभा सांसद हो गए हैं।
चुनाव से पहले ऐसी थी दलों की स्थिति
इस बार के राज्यसभा चुनाव से पहले तक उच्च सदन में दलीय स्थिति कुछ इस प्रकार थी।
भाजपा – 95 सांसद
कांग्रेस – 29 सांसद
तृणमूल कांग्रेस- 13 सांसद
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम- 10 सांसद
बीजू जनता दल – 8 सांसद
आम आदमी पार्टी – 8 सांसद
तेलंगाना राष्ट्र समिति – 7 सांसद
वाईएसआर कांग्रेस- 6 सांसद
सीपीएम- 5 सांसद
एआईएडीएमके – 5 सांसद
समाजवादी पार्टी- 5 सांसद
राष्ट्रीय जनता दल- 5 सांसद
जनता दल यूनाईटेड- 5 सांसद
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 4 सांसद
बहुजन समाज पार्टी- 3 सांसद
शिवसेना- 3 सांसद
सीपीआई- 2 सांसद
एक एक सदस्यों वाली छोटी पार्टियां- 17 सांसद
मनोनीत – 5 सांसद