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खूब खाइए- खूब खिलाइए: सस्ता हुआ खाने का तेल

खूब खाइए- खूब खिलाइए: सस्ता हुआ खाने का तेल

नई दिल्ली: देश में बरसात ने दस्तक दे दी है। ऐसे में सबका दिल पकौड़े खाने का करेगा। खास बात ये है कि ऐसा करने से आपकी जेब पर भी कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि खाने के तेल की कीमतें गिर चुकी हैं।

खाद्य तेल हुआ सस्ता

खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट देखी गई है। विदेशी बाजारों में गिरावट के समाचार मिल रहे हैं। जिसकी वजह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन, पामोलीन जैसे खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) में गिरावट देखी गई।
हालांकि सरसों तेल, मूंगफली तेल तिलहन, बिनौला जैसे देशी खाद्य तेलों के मांग होने से इन तेलों की कीमत पहले जैसी ही बनी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिलहन के बाजार में नरमी देखी जा रही है। सोयाबीन, पामोलीन जैसे विदेशी तेल कीमतों में गिरावट देखी गई है। मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 0.25 प्रतिशत की गिरावट है। उधर शिकॉगो एक्सचेंज में दो प्रतिशत की गिरावट आई। जिसकी वजह से तेल कंपनियों ने खाद्य तेलों के दाम करने की घोषणा की है।

और कम हो सकती हैं कीमतें

शुक्रवार को विभिन्न खाद्यतेल कंपनियों ने खाद्यतेलों के दाम कम किये जाने की घोषणाएँ की हैं। लेकिन भविष्य में तेल के दाम और कम हो सकते हैं। क्योंकि जिस दर से इन खाद्यतेलों के थोक भाव में गिरावट आई है उसकी तुलना में सारे खाद्यतेलों (सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली) की कीमतें, कटौती के बाद भी 20-25 रुपये लीटर अधिक हैं।

क्योंकि देश में खाद्यतेलों का आयात किलो (1,000 ग्राम) या क्विन्टल के भाव से होता है जबकि उसकी बिक्री लीटर (910 ग्राम) के हिसाब से की जाती है। इस लिहाज से खाद्यतेलों के थोक भाव के गिरावट और आयात शुल्क में की गई कमी के अनुरूप उपभोक्ताओं को फायदा नहीं मिल रहा।

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तेल का हिसाब किताब

– थोक बाजार में सोयाबीन तेल का भाव 154 रुपये किलो है। इसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), अन्य खर्च और मुनाफा जोड़कर इस तेल की अधिकतम कीमत 165-167 रुपये किलो होनी चाहिए।

– सूरजमुखी तेल का भाव 180 रुपये लीटर होना चाहिए। जो कि 190-195 से अधिक कीमत पर नहीं बिकना चाहिये। लेकिन इनकी अधिकतम खुदरा कीमत 220 रुपये लीटर है।

– पामोलीन का भाव 15,000 रुपये क्विन्टल है। इसका भाव खुदरा में 152-155 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिये।

– सरसों तेल उपभोक्ताओं को 163-164 रुपये लीटर के भाव मिलना चाहिये और इसका एमआरपी 170 रुपये अधिक नहीं होना चाहिये।

– सोयाबीन तेल 163 -165 रुपये बिकना चाहिये।

– सूरजमुखी 190 -195 रुपये लीटर बिकना चाहिये और एमआरपी 195-198 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। जबकि कई बड़े ब्रांडों ने सूरजमुखी तेल का भाव 220 रुपये लीटर रखा है।

तेल की असली कीमतों और सप्लाई को देखते हुए लगता है कि भविष्य में खाद्य तेल की कीमतें और कम हो सकती हैं। जिसका फायदा उपभोक्ता को मिलेगा। क्योंकि तेल बाजार में प्रतिस्पर्धा का बाजार गर्म है। जो भी ब्रांड कम से कम कीमत पर अच्छा से अच्छा तेल देगा, ग्राहक उसे हाथों हाथ लेंगे। आखिरकार बाजार का बादशाह ग्राहक ही होता है।

 

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