
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में भारी उलटफेर होता हुआ दिखाई दे रहा है। ख़बर है कि उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री पद जा सकता है क्योंकि शिवसेना बड़ी टूट होने की आशंका जताई जा रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
शिंदे के साथ शिवसेना विधायकों का बड़ा हिस्सा बुधवार की सुबह 6.21 बजे गुवाहाटी पहुंच चुका है। खबर के मुताबिक शिंदे के साथ कुल 41 विधायक मौजूद हैं। जिसमें से शिवसेना के 34 और सात निर्दलीय विधायक हैं।
भाजपा और शिंदे गुट एक साथ मिलकर बनाएंगे सरकार
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास 46 विधायकों का समर्थन मौजूद है। जिसमें से शिवसेना के 36 और 10 निर्दलीय विधायक हैं। एकनाथ शिंदे ने बयान दिया है कि ‘हम बालासाहेब ठाकरे के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। वह हमेशा हिंदुत्व के साथ बने रहेंगे।‘
एकनाथ शिंदे के बयान पर गौर किया जाए तो महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक और भारतीय जनता पार्टी एक साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में पहुंचती हुई दिखाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी के पास महाराष्ट्र में 106 विधायक हैं। उसे सरकार बनाने के लिए मात्र 40 और विधायकों की जरुरत है। अगर एकनाथ शिंदे के 46 विधायकों के दावे को सही माना जाए तो भाजपा के साथ उनकी सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है।
सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि बड़ी पार्टी होने के नाते महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास रहेगा। जबकि उनका समर्थन करने वाले एकनाथ शिंदे को उप-मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा। हालांकि आखिरी वक्त में इसमें बदलाव हो सकता है।

गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू में एकनाथ शिंदे के साथ 34 बागी विधायक
क्या शिंदे गुट को असली शिवसेना का दर्जा मिल सकता है
महाराष्ट्र में शिवसेना के कुल 56 विधायक हैं। जिसमें 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ उद्धव ठाकरे अभी तक सरकार चला रहे थे। अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना को तोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाना चाहते हैं तो उन्हें दल बदल विरोधी कानून(Anti Defection Law) से बचने के लिए शिवसेना के 37 विधायकों को तोड़ना पड़ेगा।
फिलहाल शिंदे 36 शिवसेना विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। यानी उन्हें दल बदल विरोधी कानून से बचने के लिए मात्र एक और शिवसेना विधायक को तोड़ने की जरुरत है।
91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के अनुसार, दलबदल विरोधी कानून में किसी राजनीतिक दल को अलग राजनीतिक गुट बनाने या किसी और दल के साथ विलय करने के लिए दो तिहाई विधायकों की जरुरत होती है। एकनाथ शिंदे इस आंकड़े के बेहद करीब पहुंचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
यहां क्लिक करके जानिए-कितना मजबूर हो गए हैं उद्धव ठाकरे
फिलहाल एकनाथ शिंदे का साथ देने वाले 26 विधायकों की लिस्ट सामने आ गई है। जो इस प्रकार है-
1. एकनाथ शिंदे : महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास एवं लोक निर्माण मंत्री, ठाणे की कोपरी पाचपाखाडी सीट से विधायक
2. तानाजी सावंत : महाराष्ट्र के जल संरक्षण मंत्री, परांडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक
3. अब्दुल सत्तार अब्दुल नबी : राजस्व, ग्रामीण विकास विभाग के राज्यमंत्री, सिलोद विधानसभा से विधायक
4. शंभूराज देसाई : गृह विभाग (ग्रामीण) के राज्यमंत्री हैं, पाटन इलाके के बड़े नेता हैं.
5. संदीप भूमरे : पैठण विधानसभा क्षेत्र के विधायक, महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री
6. बालाजी कल्याणकर : नांदेड़ उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक
7. प्रकाशराव आबितकर : कोल्हापुर की राधानगरी विधानसभा से विधायक
8. श्रीनिवास वांगा : पालघर विधानसभा क्षेत्र से विधायक
9. महेश शिंदे: खताव से विधायक
10. संजय शिरसत : औरंगाबाद पश्चिम से विधायक
11. संजय रायमुलकर : बुलढाणा जिले की मेहकर विधानसभा से विधायक
12. विश्वनाथ भोईर : कल्याण विधानसभा क्षेत्र से विधायक
13. अनिल बाबर : खानपुर से विधायक
14. चिमनराव पाटिल : जलगांव से विधायक
15. महेंद्र दलवी : अलीबाग से विधायक
16. प्रदीप जायसवाल : औरंगाबाद से विधायक
17. महेंद्र थोर्वे: कर्जत से विधायक
18. किशोर पाटिल : जलगांव के पचोरा से विधायक
19. भरत गोगावले : रायगढ़ के महाड़ से विधायक
20. शांताराम मोरे : भिवंडी ग्रामीण से विधायक
21. संजय गायकवाड़ : बुलढाणा से विधायक
22. शाहजी पाटिल: सांगोला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक
23. बालाजी किनिकर : अंबरनाथ से विधायक
24. रमेश बोर्नारे: वैजापुर से विधायक
25. सुहास कांडे: नासिक से विधायक
26. ज्ञानराज चौगुले : उस्मानाबाद से विधायक
अंशुमान आनंंद