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समुद्री जहाजों की आसमानी आफत से रक्षा करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

समुद्री जहाजों की आसमानी आफत से रक्षा करने वाली  मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में भारत हर दिन प्रगति कर रहा है। शुक्रवार 24 जून को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने सतह से हवा में मार करने वाली (Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile )छोटी दूरी की मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ये बेहद घातक मिसाइल है।

नौसेना के लिए विकसित की गई मिसाइल

ओडिशा के चांदीपुर तट से नौसेना के एक जहाज से शुक्रवार को दिन में लगभग दो बजे VL-SRSAM मिसाइल की परीक्षण किया गया। इसे वर्टिकल लॉन्च मिसाइल या वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सर्फेस टु एयर मिसाइल के नाम से जाना जाता है। यह सतह से हवा में दागी जाती है और आसमान से आते किसी भी खतरे को तुरंत तबाह कर सकती है। इसे समुद्री जहाजों की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाने की योजना है।

यह दुश्मन के लड़ाकू जहाजों के साथ साथ उनकी मिसाइलों को भी तबाह कर सकती है।

तुरंत सक्रिय हो सकती है ये मिसाइल

VL-SRSAM मिसाइल की खासियत है कि इसे तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता है। खतरा महसूस होने पर इसे तुरंत फायर किया जा सकता है। यह दुश्मन के बेहद तेज गति से आते लड़ाकू विमानों और मिसाइल दोनों के हमले के नाकाम करके उसे तबाह कर सकती है। इसकी रेंज 40 से 50 किलोमीटर है।

VL-SRSAM मिसाइल के जरिए आसमान में 15 किलोमीटर रेंज तक उड़ रहे टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है। यह भारत की अस्त्र मिसाइल का ही दूसरा रूप है जिसे कम दूरी पर हमले के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी बेहद तेजी से मार करने की क्षमता है। जो इसे बेहद घातक बना देता है। यह मिसाइल हमले के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती है। जिससे दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिल पाता है।

समुद्री जहाजों की रक्षा करने में अव्वल

VL-SRSAM मिसाइल को खास तौर पर समुद्री जहाजों की सुरक्षा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी गति बेहद तेज होती है। यानी जब तक दुश्मन का जहाज इसका शिकार नहीं बन जाता उसे पता भी नहीं चलेगा कि उसपर कोई मिसाइल भी दागी गई है। यह मिसाइल सी-स्किमिंग तकनीक से लैस टारगेट को भी निशाना बना सकती है। सी-स्किमिंग वह तकनीक है, जिसका इस्तेमाल समुद्री जहाज गिराने वाली मिसाइलों या लड़ाकू जहाजों में किया जाता है। जिसके तहत समुद्री जहाजों को निशाना बनाने वाले लड़ाकू जहाज या मिसाइलें समुद्र की सतह के बेहद करीब उड़ती हैं।

लेकिन VL-SRSAM मिसाइल सी-स्किमिंग तकनीक से लैस मिसाइलों और लड़ाकू जहाजों की पहचान भी बड़ी आसानी से कर लेता है और उसे नष्ट कर देने में सक्षम है। VL-SRSAM मिसाइलों को समुद्री जहाजों की रक्षा के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है। क्योंकि समुद्री जहाजों को अक्सर लड़ाकू विमानों और मिसाइलों का खतरा रहता है। क्योंकि उनकी गति समुद्री जहाजों से ज्यादा होती है। लेकिन VL-SRSAM समुद्री जहाजों को आसमान से आने वाले किसी भी खतरे से सुरक्षा प्रदान करता है।

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पूरी तरह स्वदेशी

VL-SRSAM की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह स्वदेशी मिसाइल है। इसे मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाया गया है। इसका निर्माण रक्षा शोध और विकास संस्थान(DRDO) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड यानी BDL ने मिलकर किया है।

VL-SRSAM मिसाइल का वजन 154 किलोग्राम है। यह 12.6 फीट लंबी है और 7.0 इंच मोटी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मिसाइल के विकास के लिए बधाई दी है।


VL-SRSAM मिसाइल में दुश्मन की पहचान, तुरंत लोड हो जाना और बेहद तेजी से हमला करना जैसे सभी गुण मौजूद हैं। जिसकी वजह से VL-SRSAM मिसाइल भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी जरुरत है। जल्दी ही इसकी तैनाती नौसेना के जहाजों पर की जाएगी। लेकिन इसके पहले VL-SRSAM मिसाइल का हर परिस्थिति में परीक्षण किया जा रहा है।

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