
नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत से शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे गुट को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें 11 जुलाई तक महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की मांग की गई थी।
बागी विधायकों को परिवार समेत मिले सुरक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश ये भी कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों, उनके परिवार के लोगों और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके पहले खबर आ रही थी कि उद्धव ठाकरे के समर्थक बागी विधायकों के घरों और दफ्तरों पर हमले कर रहे हैं। जिसे देखते हुए बागी विधायकों ने अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की थी।
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शिवसेना के बागियों को ऐसे मिली राहत
उद्धव ठाकरे से बगावत करके गुवाहाटी पहुंचे विधायकों को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। अदालत ने बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस पर लिखित जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया समय बढ़ा दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने उन्हें अयोग्यता नोटिस पर जवाब देने के लिए सोमवार शाम 5.30 बजे का समय दिया था। जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी जाती। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बागियों को राहत देते हुए इस डेडलाइन को बढ़ाकर 12 जुलाई शाम 5.30 बजे कर दिया है।
दरअसल उद्धव ठाकरे की सरकार किसी भी सूरत में शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों की सदस्यता खत्म करना चाहती है। जिससे कि उनकी सरकार पर चल रहा संकट समाप्त हो जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मंशा पर पानी फेर दिया है।
बागी विधायक पहुंच सकते हैं महाराष्ट्र
देश की सर्वोच्च अदालत से सुरक्षा का आश्वासन मिलने और 12 जुलाई तक का समय मिलने के बाद माना जा रहा है कि शिवसेना के बागी विधायक अब महाराष्ट्र लौट सकते हैं। इन विधायकों की संख्या फिलहाल 40 से ज्यादा हो गई है। जो कि दो तिहाई से काफी ज्यादा है। जिसकी वजह से बागी विधायक दल बदल विरोधी कानून के दायरे में नहीं आते हैं। शिवसेना के ये बागी खुद को असली शिवसेना घोषित करके नई सरकार गठित करना चाहते हैं।
इस बीच खबर आई है कि शिवसेना के एक और विधायक राहुल पाटिल भी उद्धव ठाकरे से बगावत करके गुवाहाटी रवाना हो गए हैं। इसके साथ बागी विधायकों की संख्या नया दल बनाने के लिए जरुरी दो तिहाई से काफी ज्यादा हो गई है।
12 जुलाई से पहले आ सकता है अविश्वास प्रस्ताव
माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल से मुलाकात करके महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। इसके लिए भाजपा ने अपने सभी विधायकों को मुंबई में उपलब्ध रहने का आदेश दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल लगातार अपने विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। जिसमें आगे की रणनीति पर विचार विमर्श हो रहा है।
शिवसेना के शिंदे गुट और भाजपा दोनों की जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे कि उद्धव ठाकरे सरकार को हटाया जा सके। इसके लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके उनके जरिए अविश्वास प्रस्ताव पर फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग कर सकती है।