
नई दिल्ली: इस देश में जहां नुपुर शर्मा के दिए हुए एक वाक्य पर विवाद छिड़ा हुआ है। मजहबी कट्टपंथियों ने करोड़ों की संपत्ति फूंक दी। दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि नुपुर ने इस्लाम के पैगंबर के लिए कथित तौर पर कुछ उल्टा सीधा कह दिया था।
लेकिन वहीं हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाने की पूरी आजादी इस देश में मिली हुई है। ताजा मामला है एक वामपंथी फिल्ममेकर लीना मेकमलाई का। जिसने हिंदुओं की आराध्य देवी महाकाली का बेहद आपत्तिजनक पोस्टर शेयर किया है। जिसे देखकर आपका खून खौल जाएगा।
वामपंथियों की इस गुस्ताखी की क्या है सजा
उपरोक्त पोस्टर एक डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म का है। जिसकी निर्माता वामपंथी विचारधारी की एक महिला लीना मेकमलाई है। जो कि खुद को फिल्ममेकर, एक्ट्रेस और कवियित्री कहती है। भले ही आज से पहले उसका नाम भी किसी ने नहीं सुना हो।
लीना की इस डॉक्यूमेन्ट्री का विषय क्या है। इस बारे में उसने कोई जानकारी नहीं दी है। बस ट्विटर पर उसका पहला पोस्टर रिलीज किया गया है। जिसका मकसद साफ तौर पर प्रचार पाना लगता है। क्योंकि लीना और उसकी टीम को अच्छी तरह मालूम था कि ये पोस्टर देखते ही बहुसंख्यक समाज उग्र प्रतिक्रिया करेगा और उसका ये शाहकार रिलीज से पहले ही चर्चा में आ जाएगा। इस पोस्टर में भगवती काली का रुप धारण किए हुए एक्ट्रेस सिगरेट पी रही है और दूसरे हाथ में LGBTQ का झंडा लिए हुए है।
लीना की इस डॉक्यूमटरी की एसोसिएट प्रोड्यूसर और मेकअप आशा पोन्नाचन है। एडिटिंग करने वाले का नाम श्रवण, कैमरा पर्सन फ़ातिन चौधरी और ऋषभ कालरा हैं। जबकि ऑडियोग्राफ़ी तपस नायक ने की है। इस विवादित डाक्यूमेंट्री को तैयार करने में तमिल आर्ट कलेक्टिव और क्वीन समर इंस्टिट्यूट का भी सहयोग लिया गया है।
इन सभी में कोई भी मुख्यधारा का परिचित नाम नहीं है। यही वजह है कि इन अनाम लोगों ने अपनी पहचान स्थापित करने के लिए हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ का शॉर्टकट अपनाया। लेकिन ये दांव इन लोगों को महंगा पड़ सकता है।
विवादों के जरिए सुर्खी बटोरने में माहिर है लीना
लीना मेकमलाई बेहद शातिर महिला है। वह हमेशा चर्चित विवादों से खुद को जोड़कर सुर्खियां बटोरने की फिराक में रहती है। हाल ही में जब नफरत भड़काने और आर्थिक घपलेबाजी के शक में कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर गिरफ्तार किया गया। तब भी लीना ने उसके मामले में अपनी नाक घुसेड़ने की कोशिश की थी।
जबकि इसके पहले लीना ने शहरी नक्सलियों वरवर राव, सुधा भारद्वाज,उमर खालिद, संजीव भट्ट, तीस्ता सीतलवाडी, आनंद तेलतुम्बडे, इशरत जहां, देवांगना कलिता, नताशा नरवाली, आरबी श्रीकुमार, दिशा रवि, गौतम नवलखा, वर्नोन गोंसाल्वेस, शरजील इमाम, स्टेन स्वामी जैसे देश विरोधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध किया था और केंद्र सरकार पर फासीवादी( fascist Indian Govt) होने का आरोप लगाया था।
जब देश भर में MeToo से संबंधित कैंपेन चल रहा था। तब लीना ने भी तमिल निर्देशक सूसी गणेशन पर यौन शोषण का भी आरोप लगाया था। जिसकी वजह से लीना खुद को चर्चा में लाने में सफल रही थी। इस मामले में लीना ने कई एकतरफा आरोप लगाए थे।
लीना की पहली फीचर फिल्म सेंगडल साल 2011 में बनी थी। जिसमें श्रीलंका और भारत सरकार पर कई अपमानजनक टिप्पणियां थीं। जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।