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देश में सरकारी के साथ प्राइवेट नौकरियां भी बढ़ेंगी

देश में सरकारी के साथ प्राइवेट नौकरियां भी बढ़ेंगी

नई दिल्ली: भारत में नौकरी तलाश कर रहे लोगों के खुशखबरी है। क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों की बहार आने वाली है। केन्द्र सरकार की तरफ से 14 जून को ऐलान किया गया था कि अगले डेढ़ सालों में केन्द्र सरकार 10 लाख से ज्यादा नौकरियां निकालेगी। यानी लोगों के पास सरकारी नौकरी में जाने के मौके बढ़ेगे।

लेकिन अब प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियां बढ़ने वाली हैं। प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स (PLI) के आंकड़े से यह खुशखबरी सामने आई है।

जुलाई से सितंबर में मिलेंगी ज्यादा नौकरियां

प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स (PLI) की शुरुआत वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान की गई थी। जिससे कि कोरोना संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट को संभाला जा सके। इसके लिए उत्‍पादन आधारित प्रोत्‍साहन राशि (प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव-पीएलआई) योजना शुरू की गई थी।

इस योजना के तहत अप्लाई करने वाली कंपनियों ने बताया है कि जुलाई से सितंबर के बीच में वह ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती करने की इच्छा रखती हैं। देश भर की 900 कंपनियों के बीच सर्वेक्षण में यह खुशनुमा खबर सामने आई है।

अप्रैल की अपेक्षा जुलाई में 7 फीसदी ज्यादा नौकरियां

देश के प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की संभावना अप्रैल 2022 की अपेक्षा 8 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई हैं। इंप्लॉयी आउटलुक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अप्रैल से जून की तिमाही की अपेक्षा कंपनियों ने जुलाई से सितंबर की तिमाही में नई भर्तियों की योजना 7 प्रतिशत बढ़ा दी है। सर्वे में पता चला है कि अप्रैल से जून के बीच कर्मचारियों की भर्ती की मंशा 54 फीसदी थी। लेकिन अब यह बढ़कर 61 फीसदी हो गई है। जो कि 7 फीसदी ज्यादा है।

यह सर्वेक्षण देश भर के 14 शहरों की 900 औद्योगिक ईकाइयों के बीच किया गया है। इसमें बड़ी, छोटी और मंझोली तीनों तरह की औद्योगिक ईकाइयां मौजूद थीं।

बड़े शहरों में ज्यादा नौकरियां

देश के बड़े शहरों में नौकरियों के मौके ज्यादा मिलने वाले हैं। महानगरों और टियर वन के शहरों में नौकरी के मौके 7 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल से जून के बीच यह 81 प्रतिशत पर था, जो कि अब 89 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
वहीं मंझोले शहरों में नौकरी करने के मौके 55 प्रतिशत थे जो कि अब 62 फीसदी पर पहुंच चुके हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में नौकरियों के मौके में महज 3 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जो कि पहले 34 फीसदी पर थी और अब 37 फीसदी पर आ गई है।

नौकरी देने में कौन शहर सबसे आगे 

पीएलआई के आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में दिल्ली में सबसे ज्यादा 72 फीसदी नौकरियां मिलने की संभावना है। जबकि मुंबई में 59 फीसदी और चेन्नई में 55 फीसदी नौकरियों की संभावना है। वहीं सेवा क्षेत्र में बेंगलुरु 97 फीसदी के साथ सबसे आगे है, जबकि मुंबई 81 फीसदी और दिल्ली में 68 फीसदी नौकरियां मिलने की संभावना है।

सरकारी नौकरियां देने की भी तैयारी

उधर केन्द्र सरकार भी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां देने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अगले डेढ़ सालों में केंद्र सरकार(Central Government) के सभी विभागों में 10 लाख रिक्तियां भरी जाएंगी। सभी खाली पड़े पदों पर 18 महीनों में भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय(PMO) के ट्विटर एकाउंट से इस बारे में ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों एवं विभागों में मानव संसाधन की समीक्षा की है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को आदेश दिया है कि अगले डेढ़ सालों में इस पर मिशन मोड में काम किया जाए और 10 लाख लोगों को भर्ती किया जाए।’

यानी प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह सेक्टरों में युवाओं के पास नौकरियां हासिल करने के मौके बढ़ेंगे।

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