
मुंबई: देश में अगले 5 सालों में पेट्रोल बंद किया जा सकता है। केन्द्रीय परिवहन नितिन गडकरी ने इस बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला में एक कृषि विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए यह बात कही है।
वाहनों में इस्तेमाल होगा हरित ईंधन
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि आने वाले पांच साल में देश में सभी वाहनों में हरित ईंधन के इस्तेमाल किया जाएगा। जिसकी वजह से वाहनों में पेट्रोल की उपयोगिता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। गडकरी ने गुरुवार यानी 7 जुलाई को यह बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि पेट्रोल की उपयोगिता खत्म होने की वजह से इसपर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
अन्नदाता बनेंगे उर्जादाता
नितिन गडकरी ने यह भी संकेत दिया है कि देशवासियों का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान अब उर्जादाता भी बनेंगे। जिससे उनकी कमाई बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया कि विदर्भ में बायो-एथेनॉल बनाया जा रहा है। जिसका इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन को कुएं के पानी से बनाया जा सकता है और 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है।
गडकरी का कहना था कि सिर्फ गेहूं, चावल, मक्का लगाने से कोई किसान अपनी भविष्य नहीं बदल सकता है। अब किसानों को ऊर्जा दाता बनने की जरूरत है न कि सिर्फ अन्नदाता ।
हरित ईंधन से अरबों खरबों की बचत
देश में पिछले कुछ समय से गन्ने से इथेनॉल बनाने का काम चल रहा है। जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई बार बता चुके हैं।
गडकरी ने कहा कि इथेनॉल पर एक फैसले से देश को 20,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। निकट भविष्य में दोपहिया और चार पहिया वाहन ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और सीएनजी पर आधारित होंगे। जिसकी वजह से पेट्रोल डीजल पर देश की निर्भरता खत्म हो जाएगी।
पूरी दुनिया में महंगाई पेट्रोल-डीजल की वजह से बढ़ती है। अगर डीजल पेट्रोल महंगा हो जाता है तो महंगाई बढ़ जाती है। और अगर ईंधन सस्ता होता है तो महंगाई कम हो जाती है। ऐसे में इथेनॉल के प्रयोग से ईंधन के दामों में कमी आती है तो उसका सीधा असर महंगाई दर पर पड़ता है।
गडकरी को मिली डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि
नितिन गडकरी ने पेट्रोल बंद होने संबंधित यह बेहद अहम बयान अकोला में ही डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह के दौरान दिया। यहां पर उन्हें डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। गडकरी ने गडकरी ने कृषि शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों से अगले पांच वर्षों में कृषि वृद्धि दर को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के लिए काम करने की भी अपील भी की।
कृषि विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी ने की।