ब्रेकिंग न्यूज़ 

भारत के सामने फिर झुकने के लिए मजबूर हुआ अमेरिका

भारत के सामने फिर झुकने के लिए मजबूर हुआ अमेरिका

नई दिल्ली: भारत की बढ़ती हुई ताकत वैश्विक स्तर पर पहचानी जाने लगी है। दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका भी अब भारत की अनदेखी करने की क्षमता नहीं रखता है। इसकी एक झलक फिर से दिखाई दी।

अमेरिकी प्रतिबंध के दायरे से भारत बाहर

यूक्रेन पर हमले की वजह से अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन भारत उस प्रतिबंध के दायरे से बाहर रहेगा। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने चीन का हवाला देते हुए भारत की सुरक्षा को खतरा बताया था और इसके लिए नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (NDAA) में संशोधन का प्रस्ताव रखा था। जिसे मंजूरी मिल गई है। इसके तहत रो खन्ना ने काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (CAATASA) के तहत भारत को पाबंदियों से छूट देने का प्रस्ताव रखा था।

रो खन्ना ने संशोधन का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि ‘चीन की ओर से बढ़ रही आक्रामकता के मद्देनजर अमेरिका को भारत के साथ खड़ा होना चाहिए। इंडिया कॉकस का वाइस चेयरमैन होने के नाते मैं हमारे दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि भारत, चीन सीमा पर भारत खुद की रक्षा कर सके’।

S-400 की खरीदारी का रास्ता साफ

भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली (S-400 Missile System) खरीदा था। लेकिन इसके बाद से उसे यह डर सताने लगा था कि CAATSA के तहत अमेरिका उसपर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है। भारत ने एस4-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए अक्टूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर का सौदा किया था। उस समय ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी भी दी थी कि इस सौदे को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की डिलीवरी लगातार जारी है। जिसके बाद अमेरिका में बैठी भारत विरोधी लॉबी भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने की मांग उठाने लगी थी। लेकिन अब नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनडीएए) में संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद भारत पर प्रतिबंध लगने का खतरा समाप्त हो गया है।

भारत-रूस संबंधों पर पहले से अमेरिका चुप

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। लेकिन रूस ने भारत के जरिए पेट्रोलियम पदार्थों का कारोबार लगातार जारी रखा है। रूसी कंपनियां भारत को अंतरराष्ट्रीय कीमतों से कम में तेल उपलब्ध करा रही हैं। जिसे भारत खुले बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है। अमेरिका इस पूरे कारोबार के बारे में अच्छी तरह जानता है। लेकिन उससे आंखें मूंदे हुए है।
रूस में जारी भारत के इस तेल के खेल को देखकर ईरान भी अपना तेल भारत के जरिए बेचने की ख्वाहिश रखता है। जिससे कि अमेरिकी प्रतिबंधों को खुद पर लागू होने से बचाया जा सके। यह भारत की बढ़ती हुई ताकत का एक नमूना है।

अंशुमान आनंद

 

ये भी पढ़ें- रूस में जारी है तेल का खेल

ये भी पढ़ें- अपना तेल बेचने के लिए ईरान भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है

Leave a Reply

Your email address will not be published.