
नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र सोमवार यानी 18 जुलाई से शुरु हो जाएगा। यह 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 18 बैठकें की जाएंगी। माना जा रहा है कि इस बार का मॉनसून सत्र बेहद हंगामेदार रहने वाला है। क्योंकि इस दौरान 24 नये विधेयकों के अलावा चार ऐसे विधेयक भी पेश करेगी जिस पर संसद की स्थायी समितियों ने विचार किया है। इसके अलावा मॉनसून सत्र में ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी होने वाला है।
असंसदीय शब्दों पर घमासान की आशंका
मॉनसून सत्र से पहले लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की एक सूची जारी की है। जिसके मुताबिक एनार्किस्ट (अराजकतावादी), शकुनि, डिक्टेटोरियल, तानाशाह, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून से खेती जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।
इसके अलावा दोहरा चरित्र, निकम्मी, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, ब्लडशेड (रक्तपात), ब्लडी, चीटेड (धोखा खाया हुआ), चमचा, चमचागिरी, चेला, चाइल्डनेस, (बचपना), कॉवर्ड (कायर), क्रिमिनल (अपराधी), क्रोकोडाइल टियर्स (मगरमच्छ के आंसू), डिसग्रेस (अपमान), डॉन्की (गधा), अनट्रू (असत्य), हूलिगनिज्म (गुंडागर्दी), आईवॉश (बहाना), फज (ठगना) और मिसलीड (गुमराह करना) भी असंसदीय शब्द की लिस्ट में शामिल हैं।
गुमराह, गद्दार, गिरगिट, घड़ियाली आंसू,अपमान, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी और खरीद-फरोख्त जैसे शब्द भी असंसदीय की श्रेणी में आ गए हैं। दंगा, दलाल, दादागिरी, दोहरा चरित्र, बेचारा, बॉबकट, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संवेदनहीन, फूलिश (मूर्ख), पिट्ठू, बहरी सरकार और सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी संसद के दोनों सदनों में नहीं हो सकता है।
असंसदीय शब्दों की इस नई लिस्ट पर विपक्ष बेहद नाराज है। जिसे लेकर मॉनसून सत्र में भारी घमासान होने की आशंका है।
मॉनसून सत्र में रखे जाने वाले विधेयक
मॉनसून सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए दो दर्जन नए विधेयक पेश करेगी। इसमें वन संरक्षण संशोधन विधेयक, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक, परिवार अदालत संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने संबंधी विधेयक शामिल हैं।
लोकसभा सचिवालय की तरफ से शुक्रवार को जारी एक बुलेटिन के अनुसार माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण संशोधन विधेयक, सहकारी समिति संशोधन विधेयक, नेशनल डेंटल कमीशन विधेयक, भारतीय प्रबंध संस्थान संशोधन विधेयक 2022 पेश किया जाएगा।
स्पीकर ने बुलाई थी बैठक, ज्यादातर विपक्ष रहा गायब
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान हंगामा होने की आशंका है। जिसे देखते हुए इस संसद सत्र के ठीक पहले शनिवार की शाम को स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पुस्तकालय भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान संसद सत्र में कामकाज और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने वाली हुई। लेकिन इस बैठक से तमाम बड़े विपक्षी नेता गायब रहे। जिसे देखते हुए लगता है कि मॉनसून सत्र में हंगामा रोकने की उनकी कोई मंशा नहीं है।
इस बार के मॉनसून सत्र के दौरान 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान भी होगा। साथ ही उपराष्ट्रपति का चुनाव भी 6 अगस्त को होगा। जिसके लिए अगर निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतों की गणना भी होगी।