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सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के हक पर मुहर लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के हक पर मुहर लगाई

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को लेकर बुधवार 27 जुलाई को बहुत ही अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी के समन जारी करने से लेकर गिरफ्तारी तक का भी हक है।

अधिकारों पर मुहर

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के गिरफ्तार करने और समन जारी करने के अधिकार को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा है कि 2018 में कानून में किए गए संशोधन सही हैं। अपने इस फैसले में शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय(ED) के सभी अधिकारों को बरकरार रखा है। ED के द्वारा सम्मन दिए जाने और बिना कारण बताए गिरफ्तारी के अधिकार पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगाई है।

इसके अलावा कोर्ट ने PMLA एक्ट में बेल की शर्तों को भी वैध ठहराया है। इसके तहत आरोपी को ECIR की कॉपी देना ज़रूरी नहीं है। याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बताई गई खामियों को दूर करने के लिए संसद वर्तमान स्वरूप में धारा 45 में संशोधन करने के लिए सक्षम है।

कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 5, 8(4), 15, 17 और 19 के प्रावधानों की संवैधानिकता को बरकरार रखा है। ये प्रावधान ईडी की गिरफ्तारी, कुर्की, तलाशी और जब्ती की शक्तियों से संबंधित हैं।

ईडी के खिलाफ याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जांच एजेंसियां प्रभावी रूप से पुलिस शक्तियों का प्रयोग करती हैं। इसलिए उन्हें जांच करते समय सीआरपीसी का पालन करने के लिए बाध्य होना चाहिए।

याचिका में कहा गया था कि ईडी एक पुलिस एजेंसी नहीं है। ऐसे में जांच के दौरान आरोपी द्वारा ईडी को दिए गए बयानों का इस्तेमाल आरोपी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही में किया जा सकता है। यह आरोपी के कानूनी अधिकारों के खिलाफ है।

लेकिन सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लोगों ने ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए इस तरह की याचिका दायर की है। अदालत ने सरकार के द्वारा दी गई दलील को सही माना और ईडी के खिलाफ दी गई दलीलों को खारिज कर दिया है।

ईडी के खिलाफ वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकीलों ने अपना पक्ष रखा था। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए ईडी की गिरफ्तारी, सर्च और संपत्ति जब्‍त करने के अधिकार को सही करार दिया।

कांग्रेस की उम्मीदें टूटीं

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार 27 जुलाई को 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कांग्रेस ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट ई़़डी को लेकर बड़ा फैसला करेगा। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि ‘ईडी ने आतंक मचा रखा है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ईडी के आतंक को खत्म करेगा।’

लेकिन कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेस के डेढ़ घंटे बाद यानी दोपहर 11.30 बजे सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया, उससे कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया। क्योंकि कांग्रेस को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट ई़डी के गिरफ्तारी करने के अधिकार और समन जारी करने को लेकर याचिका के पक्ष में फैसला सुना सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के अधिकारों को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है। सेक्शन 5, सेक्शन 18, सेक्शन 19, सेक्शन 24 और सेक्शन 44 में जोड़ी गई उपधारा भी सही है। सुप्रीम कोर्ट ने इन 5 धाराओं को सही ठहराया है।

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