
नई दिल्ली: शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनको मेडिकल टेस्ट के बाद अदालत में पेश किया गया। जहां से संजय राउत को 4 अगस्त के लिए ईडी की कस्टडी मं भेज दिया गया है। मुंबई की पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत की गिरफ्तारी हुई है। लेकिन इस गिरफ्तारी से विपक्षी दलों को संसद ठप कराने का एक और बहाना मिल गया है। संजय राउत की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने संसद में जमकर हंगामा किया।
संजय पर संसद में उबाल
संजय राउत को रविवार को गिरफ्तार किया गया। उन्हें पात्रा चॉल घोटाला और उससे जुड़े कालाधन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले संजय राउत से 9 घंटे तक पूछताछ की गई। लेकिन बताया जा रहा है कि उन्होंने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। राउत को रविवार की दोपहर मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर ले जाया गया था। गिरफ्तारी से पहले संजय राउत को कई बार समन भेजे गए थे।
संजय राउत शिवसेना की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं। उनकी गिरफ्तारी से भारी बवाल होने की आशंका थी। इसलिए मुंबई पुलिस ने संजय राउत के भांडुप स्थित घर से प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत के घर से 11.5 लाख नकद बरामद किए हैं।
क्यों गिरफ्तार हुए संजय राउत
संजय राउत का नाम मुंबई में गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर स्थित पात्रा चॉल मामले से जोड़ा जा रहा है। इस चॉल के पुनर्विकास का काम संजय राउत के रिश्तेदार प्रवीण राउत की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। जिसके बाद का घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा। इसमें संजय राउत का भी कनेक्शन बताया जा रहा है।
– साल 2007 में संजय राउत के रिश्तेदार प्रवीण राउत की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को पात्रा चॉल के रिडेवलपमेन्ट का काम मिला।
– पात्रा चॉल महाराष्ट्र डेवलपमेन्ट अथॉरिटी यानी MDA की 47 एकड़ जमीन पर बसी हुई अवैध कॉलोनी थी। जिसपर प्रवीण राउत की कंपनी को 3500 फ्लैट बनाने थे।
– चॉल में कुल 672 घर थे। बनने वाले 3500 घरों में से 672 घर वहां रहने वालों को दिए जाने थे। लेकिन जमीन देने के 14 साल बाद भी गोरेगांव की इस बेशकीमती जमीन पर फ्लैट नहीं बनाए गए।
– आरोप है कि प्रवीण राउत की गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पात्रा चॉल की जमीन पर झुग्गीवालों के लिए फ्लैट बनाने की बजाए उसे 1034 करोड़ में बिल्डरों को बेच दिया।
– इस बारे में MHADA(महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेन्ट अथॉरिटी) ने साल 2018 में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके बाद जांच हुई और साल 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार भी किया गया।
– मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय के हाथ में आई। जिसको संजय राउत के परिवार और पात्रा चॉल मामले के आरोपी प्रवीण राउत के बीच गहरे रिश्तों की जानकारी मिली।
– ईडी के मुताबिक संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर के ठिकानों पर छापेमारी में मिले दस्तावेजों में प्रवीण की पत्नी माधुरी और संजय राउत की पत्नी वर्षा के बीच 55 लाख के लेनदेन की जानकारी मिली।
– ईडी के आरोपों के मुताबिक सुजीत पाटकर की वाइन ट्रेडिंग कंपनी में संजय राउत की बेटी भी पार्टनर हैं।
– प्रवर्तन निदेशालय के हाथ लगे सबूतों के मुताबिक पात्रा चॉल घोटाले की रकम का फायदा संजय राउत और उनके परिवार तक भी पहुंचा है। जिसके आरोप में संजय राउत की गिरफ्तारी की गई है। इस मामले में भी जांच जारी है।
संजय को लेकर भाजपा पर हमलावर हुआ विपक्ष
संजय राउत के बेहद नजदीकी संबंध महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से हैं। जिनकी सरकार पिछले दिनों गिर गई है। उद्धव के बागी विधायकों ने एकनाथ शिंद के नेतृत्व में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली है। संजय राउत का कहना है कि भाजपा उन्हें भी उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के लिए उकसा रही थी। लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। जिसकी वजह से उन्हें ईडी के जाल में फंसाया जा रहा है। संजय राउत साल 2019 से ही भाजपा के खिलाफ हमलावर रहे हैं।
कांग्रेस ने भी संजय राउत के आरोपों को संसद में दोहराया है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा विपक्ष मुक्त संसद चाहती है। इसलिए संजय राउत पर कार्रवाई की गई।
हालांकि संजय राउत या कांग्रेस पार्टी में से कोई भी पात्रा चॉल घोटाला या फिर उन 672 गरीबों के बारे में कोई बयान नहीं दे रहे हैं। जिन्हें फ्लैट दिलाने का सपना दिखाकर घर से बेघर कर दिया गया। वह लोग पिछले 14 साल से इंसाफ के लिए भटक रहे हैं।