
नई दिल्ली: मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर एक मजहबी कट्टरपंथी हादी मत्तार ने चाकू से जानलेवा हमला किया। जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए हैं। उनकी आंख में बहुत चोट आई है और लीवर में घातक चोट आई है।
सलमान रुश्दी पर कट्टरपंथियों ने फतवा जारी कर रखा था। ठीक उसी तरह जिस तरह भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ लगातार कट्टरपंथी आग उगल रहे हैं। इससे आशंका जाहिर हो रही है कि नूपुर शर्मा की जान पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे हुआ सलमान रुश्दी पर हमला
75 साल के सलमान रुश्दी पर शुक्रवार 12 अगस्त को सुबह 10.47 पर तब हमला हुआ, जब रुश्दी चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन के एक कार्यक्रम के दौरान मंच से संबोधन दे रहे थे। तभी हादी मत्तार सामने से मंच पर चढ़ गया और उसने सलमान पर चाकू से और मुक्के से हमला कर दिया। हालांकि मंच पर मौजूद लोगों ने हमलावर हादी को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन तब तक सलमान की गर्दन और पेट में चाकू के कई घाव लग चुके थे।
सलमान रुश्दी को तुरंत हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया। जहां शाम पांच बजे तक उनके कई ऑपरेशन हुए। उनके मेडिकल अपडेट में बताया गया है कि रुश्दी एक आंख खो सकते हैं और उनका लीवर खराब हो गया है।
क्यों हुआ रुश्दी पर हमला
सलमान रुश्दी ने साल 1988 में एक किताब लिखी थी। जिसका नाम था ‘द सैटेनिक वर्सेज’ यानी शैतान की आयतें। इस किताब को मुसलमानों ने ईशनिंदा माना और ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने सलमान रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था। जिसकी वजह से उन्हें 9 साल तक छिपकर रहने पर मजबूर होना पड़ा।
सलमान रुश्दी की गर्दन काटने पर 3 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया था। हालांकि बाद में ईरान की सरकार ने खुमैनी के फतवे से खुद को दूर कर लिया। लेकिन एक ईरानी मजहबी कट्टरपंथी फाउंडेशन ने दोबारा फतवा जारी किया और इनाम की राशि में 500,000 डॉलर और जोड़ दिए। इन फतवों की वजह से सलमान रुश्दी की जिंदगी पर लगातार खतरा मंडरा रहा था।
नूपुर शर्मा की कहानी भी सलमान रुश्दी जैसी
भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की जान को भी सलमान रुश्दी की तरह खतरा है। क्योंकि उनके खिलाफ भी मजहबी कट्टरपंथियों ने कई फतवे जारी कर रखे हैं। नुपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान इस्लाम मजहब के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कुछ टिप्पणियां कर दी थीं। जिसके बाद कट्टरपंथी उनसे भी नाराज हो गए हैं। यहां तक कि नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर भी कई लोगों की हत्या हो चुकी है। जिसमें से सबसे ज्यादा चर्चित उदयपुर का कन्हैयालाल हत्याकांड था। जिसमें मोहम्मद गौस और रियाज ने बड़ी बेरहमी से कन्हैयालाल नाम के एक दुकानदार की हत्या कर दी थी। क्योंकि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा का समर्थन किया था।
इसके पहले 21 जून 2022 को महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के एक केमिस्ट की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने भी सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। जब नूपुर शर्मा के समर्थकों की इतनी बेरहमी से हत्या की जा रही है, तो उनकी खुद की जान पर कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह सोचने वाली बात है।
कई आतंकियों को दिया गया है नुपुर की हत्या का टास्क
कुछ ही दिन पहले एटीएस ने सहारनपुर से जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान से जुड़े संदिग्ध आतंकी मोहम्मद नदीम को गिरफ्तार किया है। इस आतंकी से पूछताछ में पता चला कि पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी सरगना ने उसको नूपुर शर्मा की हत्या का टास्क दिया गया था। मोहम्मद नदीम नाम का यह शख्स तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) से प्रभावित होकर फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा था।
इससे पहले बिहार के फुलवारी शरीफ से संदिग्ध आतंकवादी अतहर परवेज को भी अरेस्ट किया गया था। अतहर के मोबाइल से नूपुर शर्मा का मोबाइल नंबर और घर का पता मिला था। अतहर नूपुर शर्मा के घर की रेकी भी कर चुका था।
20 जुलाई को एक पाकिस्तानी बीएसएफ ने रिजवान अशरफ नाम के एक पाकिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार किया। जो कि नूपुर शर्मा की हत्या करने के लिए भारत पाकिस्तान सीमा पार करके हमारे देश में घुस रहा था। 24 साल का रिजवान अशरफ पाकिस्तानी पंजाब के बहाऊद्दीन जिले का रहने वाला है। उसको हिंदूमलकोट सेक्टर में खखां चेक पोस्ट पर भारतीय सीमा में घुसते वक्त पकड़ा गया।
पूछताछ के दौरान रिजवान ने कबूल किया है कि नूपुर शर्मा की हत्या के लिए पाकिस्तान के मंडी बहाऊद्दीन जिले में मुल्ला और उलेमाओं की बैठक हुई थी। जिसमें नूपुर शर्मा की हत्या के लिए फतवा जारी किया गया है।
सलमान रुश्दी पर हुआ जानलेवा हमला एक सबक है कि इस्लामी आतंकवादी कितने क्रूर और कट्टर तरीके से अपने खिलाफ बोलने वालों पर हमला कर रहे हैं। इस समस्या का स्थायी हल निकाले जाने की सख्त जरुरत है। वरना दुनिया एक बर्बर कबीलाई मानसिकता के लोगों की दया पर जीने के लिए मजबूर हो जाएगी।
अंशुमान आनंद