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शाहरुख जैसे युवकों की वीभत्स मानसिकता

शाहरुख जैसे युवकों की वीभत्स मानसिकता

जिस निर्दयता के साथ अंकिता को जलाकर मारा गया, इससे शाहरुख जैसे युवकों की वीभत्स मानसिकता उजागर होती है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ जहां अंकिता हत्याकांड के दुख से हम उबरे भी नहीं थे वहीं दूसरी ओर दिल्ली में नैना मिश्रा पर जानलेवा हमला अरमान मलिक अपने दोस्तों के साथ मिलकर करता है। इस तरह की कुत्सित मानसिकता वाले युवकों ने हमारी बच्चियों का जीना हराम कर दिया है और माता-पिता एक आतंक में जी रहे हैं। देश में अपनी बेटियों पर हो रहे लगातार हमलों से माता पिता अपनी बेटियों के जीवन और भविष्य दोनों के प्रति बेहद चिंतित हैं। क्या करें, कहां जाएं, कैसे पढ़ाएं और इन दरिंदों से अपनी बेटियों को कैसे बचाएं ये प्रश्न आज सभी अभिभावकों के मन में उठ रहे हैं?

मामला 23 अगस्त का है जब झारखंड के दुमका की रहने वाली अंकिता को शाहरुख ने जलाकर मार डाला। शाहरुख अंकिता को प्यार का झांसा देकर उससे शादी कर उसका धर्म परिवर्तन करना चाहता था और  के लिए दवाब  डाल रहा था जिसके कारण अंकिता ने उससे बात करनी बंद कर दी थी जिससे शाहरुख गुस्से में आ गया। 22 अगस्त को शाहरुख ने अंकिता को फोन कर डराया, धमकाया और कहा अगर तूने मुझसे बात नहीं की तो मैं तुझे मार डालूंगा। 23 अगस्त की सुबह 4 बजे शाहरुख अपने दोस्त नईम के साथ अंकिता के घर पहुंचा। अंकिता सो रही थी तभी इन दोनों ने खिड़की के रास्ते से कमरे में प्रवेश किया। शाहरुख और नईम ने पेट्रोल छिड़क कर अंकिता को आग में जला दिया और दोनों वहां से भाग गए।

अंकिता को पहले दुमका के अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वह मासूम पांच दिनों तक हिम्मत दिखाती रही, आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। लेकिन दम तोडऩे से पहले अपने बयान में शाहरुख को कसूरवार बताया और कहा कि जैसे वह मर रही है वैसे ही शाहरुख भी मरे।अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। उसमें अंकिता को शाहरुख ने किसी ज्वलनशील पदार्थ से जलाया था जिससे शरीर के कई हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया। जिसके कारण अंकिता को बचाना मुश्किल हो गया और उसकी मौत हो गई। 23 अगस्त को शाहरुख और उसके बाद 29 अगस्त को उसके दोस्त नईम दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने शाहरुख पर आईपीसी की धारा 328, 307 और 506 लगाकर केस दर्ज किया है।

अंकिता मामले में सियासत में हलचल मची है और उसपर सीएम हेमंत सोरेन के ऊलजलूल बयान ने जनता में और अधिक आक्रोश पैदा कर दिया।उन्होंने अपने बयान में कहा है कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैंयह आम बात है सीएम साहब के लिए। उनके लिए अंकिता जैसी बच्चियों की हत्या सामान्य बात है। जिससे पूरे देश में उनका व्यक्तित्व कैसा है पता चल गया और साथ ही साथ झारखंड में बच्चियों का भविष्य ऐसी सरकार में कैसा होगा, इसकी कल्पना आप भली-भांति कर सकते है। लेकिन जनता के आक्रोश ने सत्ताधारियों को हिला कर रख दिया और सरकार एवं पुलिस दोनों अब इस मामले में एक्शन में आई है। दूसरी ओर, जिस प्रकार अंकिता को जिंदा जला दिया गया इस जघन्य अपराध को देखते हुए दुमका के वकीलों ने शाहरुख और नईम की पैरवी करने से मना कर दिया।इन दरिंदों के साथ ऐसा ही होना चाहिए।

शाहरुख के गिरफ्तारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें साफ-साफ देखा जा सकता है कि शाहरुख को अपने किए पर कोई पछतावा तक नहीं था,बाकायदा वह हंस रहा था। इससे तो साफ नजर आ रहा है कि आज कल समाज में शाहरुख जैसे युवक नापाक इरादे से हमारी बेटियों को पहले प्यार के झूठे जाल में फसाने की कोशिश करते है और यदि नहीं फंसी तो मार देते हैं।

यह कोई आम घटना नहीं है, एक षड्यंत्र है। यह एक सोची समझी साजिश है धर्मांतरण करने की और इस देश को कमजोर बनाने की। देश के लगभग हर कोने से आपको इस प्रकार की घटना देखने और सुनने को मिल जाएंगी। सुत्रों के अनुसार नईम के फोन से पुलिस को बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसार-उल-बांग्ला के वीडियो मिलने की बात सामने आई है। यह आतंकी संगठन गैर इस्लामी लड़कियों से निकाह कर बच्चा पैदा करना और उनका धर्मांतरण करना, इस संगठन का काम है। ऐसे में हमें अपनी बच्चियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह के लोगों से दूरी बनाए रखें।

रिपोट्र्स के अनुसार, नईम पहले मासूम लड़कियों को प्यार और दोस्ती के झांसे में निकाह करने और बाद में उसे धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालता है। वो ऐसा कई लड़कियों के साथ कर चुका है जिसमें उसकी फैमली भी उसका साथ देती है। एक पीडि़ता ने अपने बयान द्वारा इसकी पुष्टि भी की है। उसने बताया कि उसके साथ ऐसा करने पर उसके घर वालों ने नईम के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की थी और उस पर पॉक्सों एक्ट के तहत कार्रवाई भी हुई लेकिन कुछ समय बाद ही वह जमानत पर रिहा हो गया और पीडि़ता को फिर धमकी देने लगा।इसके अलावा नईम ने एक हिंदू शादीशुदा महिला को भी बंधक बनाया था जिसे उसके परिवार वालों ने पुलिस की मदद से तीन महीने के बाद उसे बचाया था। इससे यह साफ हो जाता है कि नईम इस तरह के गैरकानूनी और असामाजिक कार्यों में शामिल था और शाहरुख उसका दोस्त था वह भी इसी मानसिकता से ग्रस्त होने के कारण अंकिता पर शादी का दवाब बनाया और चाल नाकाम होने पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

इससे प्रशासन पर भी कई सवाल उठते हैं कि वे इन असामाजिक तत्वों में शामिल लोगों को समाज में कैसे खुला छोड़ सकती है, वो इन मुद्दों को गंभीरता से लें। इस पर सरकार को भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही साथ इस प्रकार के केस को विशेष रूप से जल्द से जल्द निपटाया जाए। न्याय में देरी, अन्याय है  इसलिए इसके लिए विशेष अदालत शीघ्र फैसला सुनाकर गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा दे, जिससे पीडि़ताओं को न्याय मिले और आइंदा ये दरिंदे हमारी बच्चियों को आंख उठाकर देखने की जुर्रत न करें।

 

पे्ररणा कुमारी

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