
शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों के में विराम: मोदी
“शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों के में विराम… माँ में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है.”
प्रधानमंत्री के मां के निधन पर भाजपा के कई बड़े नेताओं ने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रस्तुत की जिसमे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी की माँ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की माताश्री, हीराबेन के निधन से मुझे गहरी वेदना हुई है। एक माँ का निधन किसी भी व्यक्ति के जीवन में ऐसी शून्यता लाता है, जिसकी भरपाई असंभव है। दुख की इस घड़ी में प्रधानमंत्री जी और उनके पूरे परिवार के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति
इसी साल 18 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी माँ का 100वाँ जन्मदिन मनाया था। पीएम मोदी अपनी माँ के सौ बरस पूरे होने पर गांधीनगर गए थे।
अपने ब्लॉग में पीएम मोदी ने लिखा था, .” आज मैं अपनी ख़ुशी, अपना सौभाग्य, आप सबसे साझा करना चाहता हूँ। मेरी माँ, हीराबा आज 18 जून को अपने सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं. यानी उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। पिताजी आज होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते। यानी 2022 एक ऐसा वर्ष है, जब मेरी माँ का जन्मशताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है और इसी साल मेरे पिताजी का जन्मशताब्दी वर्ष पूर्ण हुआ है।”

मेरी माँ जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी। ठीक वैसे ही, जैसे हर माँ होती है। आज जब मैं अपनी माँ के बारे में लिख रहा हूं तो पढ़ते हुए आपको भी ये लग सकता है कि अरे, मेरी मां भी तो ऐसी ही हैं, मेरी मां भी तो ऐसा ही किया करती हैं। ये पढ़ते हुए आपके मन में अपनी मां की छवि उभरेगी।”
पीएम मोदी ने लिखा था, “माँ की तपस्या, उसकी संतान को सही इंसान बनाती है. माँ की ममता, उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है. माँ एक व्यक्ति नहीं है, एक व्यक्तित्व नहीं है, माँ एक स्वरूप है. हमारे यहाँ कहते हैं, जैसा भक्त वैसा भगवान. वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार, हम माँ के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं।”