
लेखक नीलाभ कृष्ण
आपको पता हो न हो लेकिन इस देश में तीन गणराज्य (रिपब्लिक) हैं। एक रिपब्लिक ऑफ़ भारत, दूसरा रिपब्लिक ऑफ़ JNU और तीसरा रिपब्लिक ऑफ़ बिहार। तीनों की अपनी ही दुनिया है। तीनों तीन दिशाओं में चलते हैं। रिपब्लिक ऑफ़ भारत तो खैर इतना बड़ा है की इसमें बाकी दोनों समाहित हैं। रिपब्लिक ऑफ़ JNU की बात फिर कभी करूँगा। आज बात करनी है रिपब्लिक ऑफ़ बिहार की।
बिहार सरकार ने शीर्ष राजनीतिक नेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों की आवाजाही के लिए लिए एक जेट इंजन विमान और एक उन्नत हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया है। राज्य के पास वर्तमान में छह सीटों वाला प्रोपेलर संचालित विमान (किंग एयर सी-90ए/बी-वीटीईबीजी) और एक डौफिन हेलीकॉप्टर है। जो यांत्रिक दोषों से ग्रस्त हैं। और उनकी मरम्मत की जा रही है। राज्य ने वीआईपी और वीवीआईपी के आवागमन के लिए एक नया जेट इंजन विमान (10+2 सीटर) और एक उन्नत हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया। अब इसपर तो राजनीतिक विवाद तो होना स्वाभाविक था। और वह हुआ भी। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि हेलीकॉप्टर और जेट विमान खरीदने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी उचित नहीं है। अब राज्य सरकारें इन्हें खरीदती नहीं बल्कि लीज पर लेती हैं। लेकिन जैसा कि तेजस्वी यादव को लगता है कि वह अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। इसलिए उनके दबाव में जेट विमान और हेलीकॉप्टर लाए गए। साथ ही नीतीश कुमार की 2024 में पीएम बनने की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए भी इसे खरीदा जा रहा है। ताकि वे देश भर में घूम घूम कर अपना प्रचार कर सकें। इस आरोप का जवाब देते हुए नीतीश कुमार की बात भी सुनिए आप लोग। उनका कहना है कि नया विमान और हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना काफी समय से लंबित है। नया विमान और हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का कैबिनेट का फैसला राज्य के हित में है।
अब यह किस तरह का राज्य का हित है मुझे समझ नहीं आ रहा है। 2005 में, जब राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हराने के बाद नीतीश कुमार को पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में बिहार विरासत में मिला था, तब बिहार न केवल सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से जूझ रहा था। बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति ने राज्य को ‘बीमारू राज्य’ या भारत का सबसे गरीब राज्य का टैग दिया था। उच्च बेरोजगारी के साथ न केवल राज्य की जीडीपी अपने सबसे निचले स्तर पर थी। बल्कि राज्य अराजकता से भी जूझ रहा था। नीतीश कुमार इन सभी को बदलने के वादे पर आए थे। लेकिन तब से लेकर आज तक कुमार सत्ता में बने रहने के लिए बस साझेदारी की अदला-बदली कर रहे हैं। जबकि राज्य की विकास दर चिंता का विषय बनी हुई है। बता दें वर्ष 2015-16 में राज्य की विकास दर में 7.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। तब से, विकास दर के मामले में कुमार सरकार का तीसरा कार्यकाल बेकार रहा है और covid के बाद तो और खस्ताहाल ही है।
एक और जो मुद्दा अनसुलझा है वह है राज्य की बेरोजगारी दर। 2005 में जब कुमार को बिहार विरासत में मिला, तो राज्य में बेरोजगारी दर सबसे अधिक थी। नितीश कुमार के 15 साल के शासन के बाद, बेरोजगारी के मामले में बिहार के लिए चीजें केवल मामूली रूप से बदली हैं। 2022 में, बिहार 18.8 प्रतिशत की उच्चतम बेरोजगारी दर के साथ तीसरा राज्य बन गया। जम्मू और कश्मीर में सबसे अधिक बेरोजगारी दर 20.2 प्रतिशत , और राजस्थान में 19.1 प्रतिशत के साथ दूसरा सबसे अधिक बेरोजगारी दर के बाद।
1990 के दशक और 2000 के प्रारंभ में, बिहार राज्य के नागरिकों के बड़े पैमाने पर आगमन के कारण महाराष्ट्रीयन लोगों के बीच बिहारी विरोधी भावनाएँ उभरीं। अराजकता और रोजगार के अवसरों की कमी ने बिहार के प्रवासियों को अपने मूल राज्य को छोड़ने और महाराष्ट्र जैसे अधिक औद्योगिक राज्यों में बसने के लिए प्रेरित किया था।
2005 में जब कुमार मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने यह कहते हुए इसे बदलने की कसम खाई कि वे राज्य में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेंगे। ताकि किसी भी बिहारी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हालाँकि, कुमार के वादे अधूरे रहे। 2018 के विश्व बैंक के पेपर के अनुसार, प्रवासी प्रेषण (माइग्रेंट रेमिटेंस) का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 35 प्रतिशत हिस्सा था। नीति आयोग के बहुआयामी सूचकांक 2021 के अनुसार, बिहार 51.9 प्रतिशत की गरीबी दर के साथ सबसे गरीब राज्य के रूप में उभरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार की 50% से अधिक आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है।
इसके अलावा, डाउन टू अर्थ की भारत की पर्यावरण रिपोर्ट 2022 की वार्षिक स्थिति ने बिहार को गरीबी और भूख मिटाने, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, उद्योग नवाचार और बुनियादी ढांचे और जलवायु कार्रवाई के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में नामित किया है।
अब, इन सब मुद्दों को सुलझाने की बजाय जेट विमान या हेलीकॉप्टर खरीदने से क्या फायदा होता है, मुझे समझ नहीं आता। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, यह रिपब्लिक ऑफ़ बिहार है। इसकी अपनी प्राथमिकताएं हैं। और अभी, इसकी प्राथमिकता जेट विमान और हेलीकॉप्टर है।