
2023 की शुरुआत में ही इंदौर में आगामी आठ से 10 जनवरी के बीच आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शामिल होने वाले करीब 3,000 विदेशी मेहमानों में से 200 लोग स्थानीय लोगों के घरों में ठहरकर मेजबानी की स्थानीय संस्कृति से रू-ब-रू हो सकते हैं। जी हां बता दें कि इससे पहले यह प्रवासी भारतीय सम्मेलन प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र मे सन 2019 में आयोजित किया गया था। जहां पर वाराणासी की संस्कृति, रहन सहन, वेष-भूषा, तथा मंदिरों से संबंधित हर छोटे बड़े पहलुओं को प्रवासियों के समक्ष उजागर किया गया था। इस सम्मेलन में देश के कई बड़े उद्योगपतियों , तथा देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रीयों को भी बुलाया गया था। इस अवसर पर प्राय: तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें अपने क्षेत्र के विशेष उप्लब्धि प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को विशेष सम्मान से नवाजा जाता है।
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आईडीए अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 100 स्थानीय नागरिकों ने अपने घरों में विदेशी मेहमानों को ठहराने की अनुमति दी है और ऐसे 200 अतिथि इन घरों में ठहर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों के घरों में ठहरने की योजना बना रहे विदेशी मेहमानों में अमेरिका, इंग्लैंड, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, कुवैत, ओमान, मस्कट, म्यांमा, मॉरीशस, फिजी और अन्य मुल्कों के लोग शामिल हैं।
जिलाधिकारी डॉ.टी. इलैया राजा ने बताया,‘‘प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में करीब 3,000 विदेशी मेहमानों के आने की उम्मीद है। हमने होटलों के कमरों के साथ ही स्थानीय लोगों के घरों में इनके ठहरने की व्यवस्था भी की है ताकि वे मेजबानी की स्थानीय संस्कृति से परिचित हो सकें।” उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान कोविड-19 को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। तथा पुरी सतर्कता बरती जायेगी। बता दें कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन भारत में सन 2003 में शुरु की गई थी, जिसकी संकल्पना स्व. लक्ष्मीमल सिंघवी के दिमाग की उपज थी। पहला प्रवासी भारतीय सम्मेलन वर्ष 2003 में दिल्ली में आयोजित हुआ था ।
Written by- Satvik Upadhyay