
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की सुबह जल संरक्षण विषय पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज भारत जल सुरक्षा में अभूतपूर्ण काम कर रहा है और अभूतपूर्ण निवेश भी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के लिए राज्यों के अथक प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा जोड़ना होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। ऐसे में वाटर विजन 2047 अगले 25 वर्षों के अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम है। जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस कार्य में तमाम स्टार्टअप भी सहयोग कर रहे हैं। देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बना रहा है और देश में अबतक कुल 25,000 अमृत सरोवर बन भी चुके हैं।’
साथ ही पीएम ने कहा, ”स्वच्छ भारत अभियान’ से जब लोग जुड़े तब जनता में भी चेतना और जागरूकता आई। कहा कि देश की सरकार ने संसाधान जुटाए, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और शौचालय जैसे अनेक कार्य किए, लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने इस बात पर ध्यान दिया तथा सोचा कि गंदगी नहीं फैलानी है।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता में यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जगानी होगी। इंडस्ट्री और खेती दो ऐसे सेक्टर्स हैं, जिसमें पानी की आवश्यकता अधिक होती है। इन दोनों सेक्टर्स को मिल कर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।’पीएम ने यह भी कहा कि जल संरक्षण में सर्कुलर इकोनॉमी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कहा की तेजी के साथ हो रहे शहरीकरण के साथ जब ट्रीटेड जल को पुन: उपयोग किया जाता है, ताजा जल को संरक्षण किया जाता है तो उससे पूरे इकोसिस्टम को बहुत लाभ होता है।’
Written by- Satvik upadhyay