
ओडिसा : 13 जनवरी से ओडिसा में हो रहे हॉकी वर्ल्डकप में भारतीय टीम को पूल का आखिरी मैच वेल्स के खिलाफ खेलना है। बता दें कि ह़ॉकी विश्वकप में भारतीय टीम को अगर क्वार्टरफाइनल में जगह बनानी है तो उसे इस मैच में सिर्फ जीत ही नहीं बल्कि बहुत बड़ी जीत चाहिए। यानि कि भारतीय दल को वेल्स की टीम को बड़े गोल के मार्जिन से जीत दर्ज करनी होगी। दोनो टीम के इस मैच से ही पूल डी की स्थिति साफ होगी। 15 जनवरी को भारत और इंग्लैंड के दो मैचों में एक जीत और एक ड्रॉ से चार अंक हैं , लेकिन अगर हम गोल के औसत की बात करें तो इंग्लैंड की टीम गोल औसत में भारतीय टीम से आगे है। इंग्लैंड का गोल औसत प्लस पांच है जबकि भारत का प्लस दो है। भारत के लिये फायदा यह होगा कि मैच से पहले उसे पता होगा कि उसे कितने गोल से जीतना है क्योंकि इंग्लैंड और स्पेन का मैच उससे पहले है।
इंग्लैंड अगर हारता या ड्रॉ खेलता है तो भारत का काम जीत से ही चल जायेगा और वह पूल डी में शीर्ष पर रहेगा। इसके साथ ही वह ग्रुप आफ डैथ से सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंच जायेगा। बता दें कि इंग्लैंड अगर स्पेन को हरा देता है तो भारत को कम से कम पांच गोल के अंतर से जीत तो दर्ज करनी ही होगी।
क्वार्टरफाइनल की राह आसान या कठिन :
बता दें कि 15 जनवरी को इंगलैंड के साथ ड्रॉ खेलने के बाद भारत और इंगलैंड दोनों ही टीमों के समान गोल और समान जीत रही तो पूल चरण में रैकिंग का निर्धारण गोल औसत के आधार पर होगा। भारत दूसरे स्थान पर भी रहता है तो वह टूर्नामेंट से बाहर नहीं होगा । उसे पूल सी की तीसरे स्थान की टीम से एक क्रॉसओवर मैच खेलना होगा। राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम पर दो मैच खेलने के बाद अब टीम कलिंगा स्टेडियम पर इस विश्व कप का अपना पहला मैच खेलेगी।
बता दें कि इस विश्वकप के नियम के अनुसार निर्धारित चारों पूल से शीर्ष टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में जायेगी जबकि दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें क्रॉसओवर मैच खेलेंगी। एक पूल की दूसरे स्थान की टीम दूसरे पूल की तीसरे स्थान की टीम से खेलेगी और विजयी टीम पूल की शीर्ष टीम से क्वार्टर फाइनल खेलेगी। भारत पूल डी में शीर्ष रहकर सीधे क्वालीफाई कर लेता है तो उसे एक मैच कम खेलना होगा। हम अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाकर रणनीति पर अमल करने की कोशिश करेंगे।
पेनल्टी कॉर्नर ने बढ़ाई चिंता
इस पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिये चिंता का सबब पेनल्टी कॉर्नर है। अब तक मिले नौ पेनल्टी कॉर्नर से भारतीय टीम सीधे गोल नहीं कर सकी है। ड्रैग फ्लिकर और कप्तान हरमनप्रीत का खराब फॉर्म भारत की चिंता का विषय बना हुआ है जो स्पेन के खिलाफ पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल भी नहीं कर सके थे।
लेखक- सात्विक उपाध्याय