
नई दिल्ली : बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने आनेे वाली फिल्म सेल्फी के ट्रेलर लांच के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिल्म से जुड़ा बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी इस देश के सबसे बड़े इंफ्लूएंसर हैं। इसलिए उनकी बात को ध्यान से सुनना चाहिए। बता दें कि अक्षय कुमार ने रविवार को अपनी आने वाली फिल्म सेल्फी का ट्रेलर लॉन्च किया। इस मौके पर मुंबई में खास इवेंट रखा गया। इस दौरान अक्षय कुमार ने मीडिया से मुलाकात की साथ ही मीडिया द्वारा किये गये कई सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने पीएम मोदी के फिल्म वाले बयान पर भी अपनी राय दी।
माने जाने वाले सेलिब्रिटी फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में अक्षय कुमार कहते हैं, ‘पॉजिटिव का हमेशा से स्वागत करना चाहिए। अगर हमारे देश का नेतृत्व करने वाले हमारे प्रधानमंत्री कुछ कह रहे हैं तो मुझे लगता है कि वह इंडिया के सबसे बड़े इंफ्लुएंसर हैं । जिनसे हमें सिखने की आवश्यकता है ना कि उनके द्वारा कही बातों की आलोचना करनी चाहिये या फिर उसका गलत अर्थ निकालना चाहिए। इसलिए अगर कुछ चीजें बदलने की अगर जरुरत है तो जाहिर तौर पर उसे करना चाहिए। यह हमारे लिए अच्छा होगा साथ ही कुछ नया एक्सरीयेंस करने का अनोखा अनुभव होगा। क्योंकि हम फिल्में बनाते हैं सेंसर बोर्ड के पास लेकर जाते हैं। जिसके बाद पूरे जांच करने तथा देखने के बाद वह फिल्म बहुत मुश्लिकों से पास होती है। फिर कोई न कुछ न कुछ बोल देता है या किसी दृश्य को लेकर सवाल उठाता है तो ऐसे में हमारी मेहनत तथा और भी सारी चीजें और गड़बड़ हो जाती है। इसलिए अगर उन्होंने ऐसा कहा है कि तो अच्छी बात है।’
आपको बता दें कि बीते कुछ वक्त से बॉलीवुड की कई फिल्मों को सोशल मीडिया पर बॉयकॉट का सामना करना पड़ा हैं। साथ ही फिल्मों की छवि के साथ-साथ अभिनय करने वाले हिरो तथा हीरोइनों के भी छवि पर काफी बुरा असर पड़ता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि फिल्मों का विरोध और बॉयकॉट का असर फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर भी पड़ा है। फिल्मों का विरोध और बॉयकॉट करने वालों में कई राजनेता, कई अन्य दल भी मुख्य रुप से शामिल हैं। ऐसे में बीते दिनों पीएम मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दूसरे दिन बिना किसी का नाम लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी थी कि फिल्मों पर गैरजरूरी टिप्पणी से बचना चाहिए। ऐसे मुद्दों से जितना बचा जाए, उतना ठीक होता है। फिल्मों पर ऐसी टिप्पणियां विकास के एजेंडे को ठंडे बस्ते में डाल देती हैं।
लेखक- सात्विक उपाध्याय