
नई दिल्ली : 27 जनवरी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत करेंगे। बता दें कि परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम पूर्वाह्न 11.00 बजे से प्रारंभ होगा। “परीक्षा पर चर्चा सबसे रोमांचक कार्यक्रमों में से एक है, जो परीक्षा को तनाव मुक्त बनाने और हमारे परीक्षा योद्धाओं का समर्थन करने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर देता है। हर वर्ष इस कार्यक्रम का अयोजन किया जाता है तथा देश के अलगअलग हिस्सों से छात्र छात्राएं इस कार्यक्रम में भाग लेती हैं।
एक ट्वीट कर पीएम मोदी ने कहा की मैं इस महीने की 27 तारीख को कार्यक्रम की प्रतीक्षा कर रहा हूं और आप सभी से इसमें भाग लेने का आग्रह करता हूं।” ‘परीक्षा पर चर्चा’ के छठे संस्करण के लिए पंजीकरण 25 नवंबर से शुरू हुआ और इसका पंजीकरण 30 दिसंबर 2022 को ही बंद हो चुका है।
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार,वर्ष 2022 की तुलना में इस वर्ष कार्यक्रम के लिए पंजीकरण दोगुने से अधिक हो गए हैं। लगभग 38.80 लाख प्रतिभागी जिसमें 31.24 लाख छात्र , 5.60 लाख शिक्षक , और 1.95 लाख माता पिता ने PPC-2023 के लिए पंजीकरण कराया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना 15.7 लाख ज्यादा बताया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि , “150 से अधिक देशों के छात्र, 51 देशों के शिक्षक और 50 देशों के माता-पिता ने भी पीपीसी-2023 के लिए पंजीकरण कराया है।” यह खुद में एक अद्भुत उपलब्धि है। यह संख्या पूरी तरह से छात्रों के भविष्य के लिए बहुत ही लाभप्रद होगी।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आगे कहा कि राज्य बोर्डों, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस और अन्य बोर्डों से बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। Mygov पर रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताओं के माध्यम से चुने गए लगभग 2,050 प्रतिभागियों को एक विशेष परीक्षा पे चर्चा किट के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। जिसमें प्रधान मंत्री द्वारा लिखी गई हिंदी और अंग्रेजी में परीक्षा योद्धाओं की किताब और एक प्रमाण पत्र शामिल है। बता दें की इस भाग में एनसीईआरटी द्वारा चुने जाने वाले प्रतिभागियों के कुछ प्रश्न पीपीसी-2023 में शामिल हो सकते हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अनूठे इंटरैक्टिव कार्यक्रम – परीक्षा पर चर्चा की अवधारणा की, जिसमें देश भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ-साथ विदेशों से भी परीक्षाओं और स्कूल के बाद के जीवन से संबंधित चिंताओं पर चर्चा करने के लिए उनके साथ बातचीत की।
बता दें कि यह कार्यक्रम तनाव पर काबू पाने में मदद करना चाहता है साथ ही जीवन को ‘उत्सव’ के रूप में मनाने के लिए यह कार्यक्रम पिछले पांच वर्षों से आयोजित किया जा रहा था। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, वर्ष 2022 तक टाउन हॉल प्रकार के प्रारूप में कार्यक्रम का प्रस्ताव है।
लेखक सात्विक उपाध्याय