
साल 2019 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गये CAA- NRC के बिल के विरोध मेें जामिया में विरोध प्रदर्शन कराने तथा हिंसा कराने के आरोपी शरजील इमाम को साकेत अदालत ने बरी कर दिया है। वर्ष 2019 में इसे लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया में एकाएक विरोध तथा दंगा होना शुरु हो गया था जिसे लेकर कॉलेज में काफी तोड़फोड़ की गई थी। साथ ही हिंसा की किया गया था। जिसमें कई बसों तथा अन्य पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकशान पहुंचाया गया था। अदालत ने शनिवार 4 फरवरी को शरजील तथा आसिफ इकबाल तनहा दोनों को ही बरी कर दिया।
दिल्ली एडिश्नल सेशन जज अरुण वर्मा ने साल 2019 में जामिया नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में दोनो को ही राहत की सांस देते हुए बरी किया। हांलाकि बता दें कि अदालत के द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद भी शरजील इमाम जेल में बने रहेंगे। क्योंकि साल 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगाें की साजिश में शामिल होने से जुड़ा मुकदमा अभी भी शरजील के खिलाफ चल रहा है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने शरजील इमाम पर UAPA लगाया हुआ है, अभी तक इस मामले में शरजील को जमानत नहीं मिली है। इस कारण से कोर्ट द्वारा बरी करने के बाद भी शरजील तथा उसके अन्य साथियों को बरी नहीं किया जाएगा।
क्यों लगा था UAPA ?
सरकार द्वारा वर्ष 2019 में CAA-NRC जैसे कानून को पास करने के बाद उसे मुसलिम विरोधी बिल बताते हुए इमाम ने एक बेहद ही घृणित बयान दिया था। बयान देने के मामले में भी शरजील इमाम पर अभी केस चल रहा है, अपने बयान मेंं शरजील ने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम को इंडिया से काट देने की बात कही थी। जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। इस बयान को देश विरोधी भी कहा गया था तथा काफी बहस हुई थी। जिसके बाद ही शाहिन बाग का मसला खड़ा हुआ था। फिलहाल क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। इस मामले में इमाम पर देशद्रोह और UAPA लगाया गया था।
लेखक सात्विक उपाध्याय