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4 मार्च तक सीबीआई रिमांड में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

4 मार्च तक सीबीआई रिमांड में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।  जिसके बाद कोर्ट  ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। रविवार 26 फरवरी  को सीबीआई ने सिसोदिया से करीब 8 घंटे पूछताछ की। जिसके बाद सिसोदिया के सीबीआई के साथ सहयोग न करने तथा किसी भी मसले पर बात करने से इंकार करने के बाद  उन्हें गिरफ्तार किया है। सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिस पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।  इससे पहले सीबीआई की ओर से पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि वह जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह से सहयोग करेंगे। सीबीआई ने मनीष को आबकारी नीति 2021-22 के कथित अनियमितता के मामले में गिरफ्तार किया है। हांलाकि दिल्ली सरकार की इस आबकारी नीति को पहले ही रद्द कर दिया गया था। मनीष सिसोदिया से पूछ्ताछ के दौरान करीब 7 मोबाइल फोन बदलने और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 170 के करीब सिमकार्ड और मोबाइल हैंडसेट डिस्ट्रॉय करने के बाबत संतुष्ट जवाब नहीं मिला।  इस विषय में सरकारी अफसर और अन्य आरोपियों से सीबीआई के  पूछताछ के दौरान मनीष सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध थी।

बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को  दोपहर 3 बजे CBI ने  राउज एवेन्यू कोर्ट लेकर आई । जिसके बाद कोर्ट की कार्यवाही शुरु की गई।  दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट  ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट में लगभग दो घंटों तक चले सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला लिया कि आम आदमी पार्टी के नेता तथा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की रिमांड मांगे जाने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान सिसोदिया के सारे वकीलों ने काफी जोर लगा दिया अपने पक्ष को रखने में। बता दें कि इस मामले में  वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा,  “सीबीआई उस फैसले की जांच करनी चाहती है, जो चुनी हुई सरकार की कैबिनेट ने किया था।  ऐसा नहीं हो सकता। मैं दिल्ली का वित्त मंत्री हूं। आप टाइमिंग देखिये। वित्त मंत्री को आप तब गिरफ्तार कर रहे हैं, जब उनको बजट पेश करना है। पब्लिक सर्वेंट को गिरफ़्तार करने से पहले सक्षम अथॉरिटी से मंजूरी लेनी चाहिए थी।” सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि शराब नीति घोटाला मामले की एफआईआर में मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर वन हैं।  जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किये गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से पता चलता है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला किया।  सीबीआई ने अदालत से कहा कि पूछताछ के लिये उसे सिसोदिया की हिरासत की आवश्यकता है।

लेखक- सात्विक उपाध्याय

 

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