
दिल्ली आबकारी घोटाला केस में सोमवार की दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर होने वाली सुनवाई में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी घोटाला केस में दखल देने से इनकार कर दिया है। इस केस में सिसोदिया 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर हैं। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। शराब घोटाला मामले में रविवार को अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई जांच के तरीके को देखते हुए दिल्ली आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता तथा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सोमवार को सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया को दोपहर 3 बजे कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद करीब दो घंटों तक चले कार्यवाही के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को सीबीआई रिमांड पर 4 तारीख तक के लिए भेज दिया था। मंगलवार को होने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में मनीष सिसोदिया ने सोमवार को ही याचिका दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टीस डीवाई चंद्रचूड़ और की बेंच इस मामले में सुनवाई की। डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- ‘आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था, सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं?’ आप अनुच्छेद 32 के तहत यहां क्यों आए? यह अच्छी और स्वस्थ परंपरा नहीं है।’ जिसके बाद आम आदमी पार्टी का कहना है कि वो अब दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
रविवार 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया से करीब 8 घंटे पूछताछ की। जिसके बाद सिसोदिया के सीबीआई के साथ सहयोग न करने तथा किसी भी मसले पर बात करने से इंकार करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है। सीबीआई का कहना है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिस पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि शराब नीति घोटाला मामले की एफआईआर में मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर वन हैं। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किये गए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से पता चलता है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फैसला किया। सीबीआई ने अदालत से कहा कि पूछताछ के लिये उसे सिसोदिया की हिरासत की आवश्यकता है।
लेखक- सात्विक उपाध्याय