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पीएम मोदी ने’स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान’ विषय पर बजट के बाद के वेबिनार को किया संबोधित

पीएम मोदी ने’स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान’ विषय पर बजट के बाद के वेबिनार को किया संबोधित

‘स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान’ विषय पर बजट के बाद के वेबिनार को संबोधित करते हुए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के फार्मा सेक्टर ने जिस तरह से दुनिया भर में भरोसा हासिल किया है, वह अभूतपूर्व था।  पीएम मोदी ने वेबिनार के दौरान अपने संबोधन में कहा कि हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि भारत की विदेशों पर निर्भरता कम से कम हो। भारत में इलाज को affordable बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। COVID की महामारी ने पूरी दुनिया को एक सबक सिखाया है कि जब भी ऐसी स्थिति आती है तो विकसित और समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं की नींव तक हिल जाती है और नष्ट हो जाती है। पीएम ने आगे कहा कि जहां एक तरफ दुनिया का फोकस अब हेल्थकेयर पर हो गया है, जबकि भारत सिर्फ हेल्थकेयर को मजबूत करने की दिशा में ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी काम कर रहा है। 

पीएम मोदी ने संबोधन के दौरन कहा कि आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज से देश के करोड़ों मरीज़ों के लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपये बीमारी में उपचार के लिए खर्च होने वाले थे वो बचे हैं। हमारे यहां करीब 9 हजार जन औषधि केंद्र हैं और यहां बाज़ार भाव से बहुत सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। इससे भी ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है। मोदी जी ने आगे कहा कि देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना बहुत ज़रूरी है। आज देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं। इन सेंटरों में डायबिटीज़, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है।  पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ़्रास्ट्रक्चर के तहत क्रिटिकल हेल्थ इंफ़्रा को छोटे शहरों और क़स्बों तक ले जाया जा रहा है। छोटे शहरों में नए अस्पताल तो बन ही रहे हैं… हेल्थ सेक्टर से जुड़ा एक पूरा इको सिस्टम विकसित हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे अपने संबोधन में गौर करते हुए कहा कि बीते वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल सीटों की संख्या 2014 के बाद आज दोगुनी हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज के पास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलना… मेडिकल ह्यूमन रिसोर्स के लिए एक बड़ा कदम है। आज सरकार इस तरह से काम करती है कि हेल्थकेयर का विषय अब केवल स्वास्थ्य मंत्रालय तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण तक पहुंच गया है। ड्रोन टेक्नोलॉजी की वजह से दवाओं की डिलीवरी और टेस्टिंग से जुड़े logistic में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आता दिख रहा है। हमारे entrepreneurs ये सुनिश्चित करें कि हमें कोई भी तकनीक को आयात करने से बचना चाहिए… आत्मनिर्भर अब बनना ही है। पीएम ने आगे यह भी कहा कि हमारे फार्मा सेक्टर पर बने इस विश्वास को हमें Capitalize करना ही होगा। हमारी इस प्रतिष्ठा को, हमारे प्रति इस विश्वास को रत्ती भर भी आंच नहीं आनी चाहिए। आज इस सेक्टर का मार्किट साइज़ 4 लाख करोड़ रुपये का है और यह सेक्टर 10 लाख करोड़ को पार कर सकता है। 

पीएम मोदी ने काफी लंबे समय तक चले इस संबोधन के दौरन बताया कि  कैसे आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज से देश के करोड़ों मरीज़ों के लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपये बचे हैं। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से भी ग़रीब और मिडिल क्लास परिवारों को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपये की बचत हुई है। लोगों के घर के पास ही प्राथमिक उपचार के लिए देश में अच्छे और आधुनिक हेल्थ इंफ़्रा का होना ज़रूरी है। आज देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तैयार हो रहे हैं। इन सेंटरों में डायबिटीज़, कैंसर और हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग की सुविधा है। गंदगी से होने वली बीमारियों से बचाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान हो, धुंए से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए उज्ज्वला योजना हो, दूषित पानी से बचाने के लिए जल जीवन मिशन हो… इनके बेहतर परिणाम आज देश के सामने आ रहे हैं।

लेखक – सात्विक उपाध्याय

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