
सोमवार 6 फरवरी को दिल्ली आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में सीबीआई द्वारा पेश किया गया। जिसके बाद एक बार फिर से मनीष सिसोदिया औऱ आम आदमी पार्टी को काफी बड़ा झटका मिला है। बता दें कि कोर्ट में पेशी के दौरान आज सीबीआई ने सिसोदिया की रिमांड की मांग नहीं की। जिसके बाद उन्हें 20 मार्च के लिए कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस बार CBI ने कहा कि हम अभी मनीष सिसोदिया की हिरासत नहीं मांग रहे हैं, लेकिन अगले कुछ दिनों में हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि मनीष सिसोदिया ने फिजिकल पेशी पर ज़ोर दिया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।
पिछले रविवार को दिल्ली आबकारी मामले में गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन के रिमांड पर भेजा था। जिसके बाद सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी जिसे एक सिरे से ही जस्टीस चंद्रचूर्ण द्वारा खारिज कर दिया गया था। तथा उन्हें हाई कोर्ट में अपील दर्ज करने को कहा। जिसके बाद शनिवार को कोर्ट मे एक बार फिर पेशी के दौरान सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोई एक्सन नहीं लिया गया था और उनकी याचिका पर 10 तारीख को सुनवाई के लिए कहा था और उनकी न्यायिक हिरासत 6 तारीख तक बढ़ा दी गई थी। सीबीआई ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले की जांच में कथित रूप से सहयोग नहीं करने और जांचकर्ताओं के सवालों से बचने के आरोप में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सिसोदिया और पार्टी के एक औऱ प्रमुख नेता सत्येंद्र जैन ने एक साथ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था ।
लेखक- सात्विक उपाध्याय