
बुधवार, 15 मार्च की सुबह लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को ‘नौकरी के बदले ज़मीन’ मामले में सीबीआई कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद जमानत की सुनवाई को लेकर इन सभी को सेशन कोर्ट द्वारा ज़मानत मिल गई है। मामले में कोर्ट ने सभी को 50-50 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है।
पीछले हफ्ते सीबीआई और ईडी के द्वारा लालू यादव के कई करीबियों के घर छापेमारी हुई थी। जिसके बाद लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अन्य 14 के खिलाफ सीबीआई ने “नौकरी के बदले जमीन” मामले में आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में आज लालू प्रसाद के परिवार की दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। तबियत ठीक ना होने के कारण लालू यादव पेशी के लिए व्हीलचेयर पर सीबीआई कोर्ट पहुंचे। यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन देकर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी पाने से संबंधित है।
बता दें कि यह गंभीर मामला तब का है, जब लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। इस मुद्दे पर जेडीयू के जाने माने सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि लालू यादव को न्यायालय पर पूरा भरोसा है, यही वजह है कि परिवार के साथ कोर्ट पहुंचे। वह न्यायलय का सम्मान करते हैं। उन्होंने एजेंसी पर आरोप लगाते हुवे यह भी कहा कि एजेंसी इस मामले में पक्षपात कर सकती है। उनका कहना था कि अब तक एजेंसी की तरफ से बहुत लंबे चौड़े दावे किए गए हैं , वो पैसे कहां है। बीजेपी कुछ भी कहे, अंतिम फैसला न्यायालय को करना है और उससे भी बड़ी जनता की अदालत है। मँगलवार को सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए तेजस्वी यादव एक बार फ़िर से अनुपस्थित रहे।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं। इसमें आरोप लगाया गया है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से राजद प्रमुख प्रसाद, तत्कालीन रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों को प्रचलित बाजार दरों के पांचवें हिस्से तक अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेच दी।
लेखक सात्विक उपाध्याय