
नई दिल्ली : फरवरी माह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद से लागातार नियमित अंतराल पर संसद के बजट सत्र का कई चरण आपसी सहमति और विवाद को लेकर कई बार स्थगित किया गया था। अब ऐसे में 13 मार्च , सोमवार को भी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का पहला दिन और फिर 14 मार्च को दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता नजर आया। मगंलवार, 14 मार्च को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राहुल गांधी के लंदन के दिए गए बयान पर काफी जोरदार हंगामा शुरू हो गया था। सत्ता पक्ष यानी कि भारतीय जनता पार्टी, राहुल गांधी की माफी की मांग कर रही थी। ठीक ऐसा ही नजारा एक बार फिर से गुरुवार 16 मार्च को देखने को मिला। बता दें कि सदन की कार्यवाई शुरु होने के कुछ ही देर बाद हंगामा बढ़ने पर लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा और राज्यसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। क्योंकि दोनों सदनों को गुरुवार को लगातार चौथे दिन व्यवधान का सामना करना पड़ा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संयुक्त संसदीय की अपनी मांग पर जोर दिया। अडानी-हिंडनबर्ग पंक्ति और लंदन में की गई अपनी टिप्पणी पर राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करने वाले भाजपा सदस्यों की जांच समिति को लेकर काफी बाते हो रही थी।
इससे पहले आज कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया और अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग की। साथ ही लगातार तीन दिनों से उनके सदन में माइक बंद करने को लेकर भी सवाल उठाया है। साथ ही नियम 267 के तहत नोटिस में रंजीत रंजन ने कहा,”सरकार अडानी समूह के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, शेयर बाजार में हेरफेर और वित्तीय कुप्रबंधन के गंभीर आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने में विफल रही है”।
जबकि, कांग्रेस सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि “देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गिरावट की चिंताजनक प्रवृत्ति” पर राज्यसभा में नियम 267 के तहत व्यापार नोटिस का निलंबन किया गया है। बजट सत्र का दूसरा भाग सोमवार को शुरू हुआ और पिछले तीन दिनों में व्यवधान और हंगामे के रूप में चिह्नित किया गया है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। बता दें कि इस बीच ममता बनर्जी की पार्टी त्रिणमुल कांग्रेस के कुछ सांसदों ने काला कपड़ा बांध कर संसद भवन में विरोध जताया।
लेखक- सात्विक उपाध्याय