
अपनी शीला आंटी के बारे में खबर है कि चुपचाप तमाशा देख रही हैं। सुनते हैं विरोधियों को साधने में उनका कोई सानी नहीं है। आखिर 15 साल तक दिल्ली में राज जो किया है। 10 जनपथ में भी उनकी खूब चलती है। आंटी को आशंका थी कहीं दिल्ली में चुनाव की शाल उन्हें न ओढ़ा दी जाए। लिहाजा चुपके से कांग्रेस अध्यक्ष से बतिया आईं। कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली पीसीसी बनने के बाद जितना मुस्करा रहे थे उतना ही मुरझा गए। इतना ही नहीं घर के कोने में दुबके अजय माकन का भी चैन हराम हो गया और अपनी साख भी नहीं बचा पाए हैं। सुना है शीला पार्टी के स्टार प्रचारकों में थीं, लेकिन जब कोई उन्हें आगे लाने के लिए जाता था तो कह बैठती थीं कहीं मेरे आने से ‘आपको नुकसान न हो जाए।’ लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की जनसभा में आना नहीं भूली। दिलचस्प यह भी है कि शीला तो शीला बेटे संदीप, बेटी लतिका, बहन रमा धवन सब आराम फरमा रही हैं। किसी ने ठीक कहा है, खेल देखो और दूर से बैठकर खेल का तमाशा भी देखो।