इस नई खेल परिवर्तक तकनीक के साथ, आप अब कहीं भी स्मार्टफोन-एनेबल्ड कपड़े पहन कर जा सकते हैं। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या ये तकनीक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं?
वियरेबल टैक्नोलॉजी एक नई तकनीक के माध्यम से अगले स्तर तक पहुंचने वाली है। इस तकनीक के माध्यम से टी-शर्ट पर आप अपना स्मार्टफोन प्रिंट कर सकते हैं। यह विचार सुनने में अजीब जरूर लगता है, लेकिन इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर सिस्टम्स इंजीनियरिंग मोनाश विश्वविद्यालय के विभाग (ईसीएसई) की टीम ने इस नई तकनीक पर सफलता प्राप्त कर ली है। इस नई तकनीक को ‘स्पेसर’ नाम दिया गया है। यह एक नैनो लेजर तकनीक है, जो वास्तव में छोटे, लचीले और कुशल मोबाइल फोन को प्रिंट कर सकती है, जो कंप्यूटिंग को अगले स्तर तक ले जाएगी। स्पेसर (सरफेसप्लास्मोन एम्प्लीफिकेशन-बी स्टिम्युलेटिड एमिशन ऑफ रेडिएशन) एक प्रकार का नैनो-स्केल लेजर है, जो फ्री-इलेक्ट्रोन्स के वाइब्रेशन के माध्यम से प्रकाश की किरणें छोड़ता है। बहुत स्थान घेरने वाली किरणें बनाने वाले अन्य परंपरागत लेजर की तुलना में यह कई गुणा बेहतर है। नया ‘स्पेसर लेजर’ पूरी तरह से कार्बन से बना है। इसका यही गुण इसे अन्य ‘स्पेसर लेजर’ से बेहतर बनाता है। परंपरागत रूप से, सभी ‘स्पेसर’ सोने या चांदी के अत्यन्त बारीक कणों और अद्र्धचालक क्वांटम डॉट्स के उपयोग से बनाए जाते हैं। जबकि मोनेश विश्वविद्यालय की इस टीम ने ‘ग्राफीन रेजोनेटर’ और ‘कार्बन नैनो-ट्यूब गेन एलीमेंट’ से अपना नैनो-लेजर तैयार किया है। टीम ने सुनिश्चित किया कि लेजर में कार्बन के प्रयोग से लेजर अधिक मजबूत और उच्च तापमान पर काम कर सकता है और साथ ही पर्यावरण के लिए भी वह अनुकूल रहेगा। इसके इन शानदार गुणों के कारण भविष्य में संभावना हो सकती है कि यह बहुत ही पतले मोबाइल फोन को कपड़े पर प्रिंट कर सके।
लेजर बनाने वाली टीम को विश्वास है कि उनकी ‘स्पेसर’ तकनीक सभी ट्रांजिस्टर आधारित उपकरण जैसे – माइक्रो प्रोसेसर, मेमोरी आदि की जगह ले लेगी और मौजूदा मिनी-एचरायिजिंग और बैंडविड्थ प्रतिबंध भी हटा देगी। ‘स्पेसर’ को ग्राफीन और कार्बन नैनो-ट्यूब के उपयोग से बनाया जाएगा, जो कि स्टील की तुलना में सौ गुणा मजबूत होता है और इसमें गर्मी और बिजली चालन की बेहतर क्षमता भी होती है। जहां मजबूत, हल्के, कंडक्टिंग और थर्मल सामग्री की आवश्यकता हो, वहां ग्राफीन और कार्बन नैनोट्यूब को उसके उत्कृष्ट मकैनिकल, इलेक्ट्रिकल और ऑप्टिकल गुणों के कारण इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस टीम का दावा है कि यह तकनीक सिर्फ तकनीकी गजट की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि इस रिसर्च का चिकित्सा क्षेत्र में भी अच्छा उपयोग किया जा सकता है। कुछ शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि अगर नैनो-पार्टिकल्स यदि ठीक से गाइड किए जाएं तो शरीर कीस्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने का रास्ता मिल सकता है।
रोहन पाल