हिंसा और अहिंसा एक प्रवृत्ति है। हिंसा का भाव पशुवृत्ति और अहिंसा का भाव मानवीय सदप्रवृत्ति है। दोनों की भावना मन और आत्मा से जुड़ी हैं। हमारे संस्का...

अहिंसा के सिवाय कोई सौन्दर्य नहीं
आज समूची दुनिया संकटग्रस्त है। अब तक के मानव जीवन में ऐसे विकराल एवं विनाशक संकट नहीं आये। एक तरफ कोरोना महामारी का संकट है तो दूसरी ओर विश्वयुद्ध का ...

अनासक्ति का धर्म
हमारे प्रमुख उपनिषदों में एक है ‘कठोपनिषद’। इसमें एक ऐसे साधक की कथा है जो यमराज (मृत्यु) के द्वार पहुंचता है और वहां उनसे भेंट कर परमार्थ ज्ञान...

जीवन ही मृत्यु का कारण है…
काल के अश्वरथ पर आसीन भगवान भास्कर क्षिप्रता से पल प्रति पल भागते जा रहे हैं। संसार भी अबाध गति से चलता जा रहा है। दुनिया की तमाम शै अपने रफ्तार से ग...

ईश्वर बिना जीवन
जीवन का मूल मंत्र ईश्वर प्राप्ती होना चाहिए। हम यह ना समझकर जीवन को ऐसे ही गुजार देते हैं और जब हमें एहसास होने लगता है। तबतक आधी जिंदगी कट गयी होती ह...

श्री अबधूत के 24 गुरू और जीवन दर्शन
अवधूत महाराज के चौबीस गुरूओं के बारे में हम में से बहुत लोगों को ज्ञान है, लेकिन हम उन गुरूओं से मिलने वाली शिक्षा से अवगत नहीं है। श्रीमद्भागवत के ग्...

धार्मिक कौन है
किसी भी व्यक्ति के लिए धार्मिक बातें करना और धर्म संबंधित बातें लिखना अधिक मुश्किल नहीं हो सकता है। सामान्य प्रयास से वह समस्त चीजें वह कर सकता है जिस...

जीत की चाहत
हर व्यक्ति का इस दुनिया में आने का मकसद अलग होता है। हम अपने आस-पड़ोस और साथ रहने वाले कुछ लोगों की सफलता को दृष्टि में रखकर अपनी सफलता के बारे में सो...

ईश्वर हमारी बात सुनते हैं
मनुष्य का जीवन सुख और दु:ख के समिश्रण से ही बनता है। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं होगा जिसे जीवन में केवल सुख का सौभाग्य अथवा दु:ख का दुर्दिन देखना पड़ता हो...

सरलता ही जीत है
जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाना उतना आसान नहीं है। कितने ऊपर नीचे कठिनाईओं का सामना करना पड़ता है , इसी कठिनाई से केवल सच्चा और सतचिन्ता रखने वाले व्यक्ति...