आधुनिकीकरण किसी भी देश के विकास का अहम पैमाना होता है. लेकिन अंधाधुंध विकास अब विनाश का कारण बनता जा रहा है. इसका प्रभाव केवल महानगरों तक ही सीमित नही...

बढ़ता जा रहा प्रकृति का शोषण
भारतीय हिंदू सनातन संस्कृति हमें यह सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का सदुपयोग करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूर...

जल सरंक्षण को अपने आचार व्यवहार का हिस्सा बनाए
जल के बिना किसी भी जीवन की कल्पना असंभव है। भारतीय सभ्यता में तो जीवन में, और जीवन के बाद की यात्रा में, भी जल का महत्व है। आप लोगों में से, ज़्यादातर ...

उत्सर्जन वृद्धि पर अंकुश लगाने हेतु भारत के सराहनीय प्रयास
कई अनुसंधान प्रतिवेदनों के माध्यम से अब यह सिद्ध किया जा चुका है कि वर्तमान में अनियमित हो रहे मानसून के पीछे जलवायु परिवर्तन का योगदान हो सकता है। क...

कृषि से विमुक्त होता पर्वतीय समुदाय
कृषि उत्पादों में भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है जिसका योगदान वैश्विक कृषि उत्पादन में 07.68 प्रतिशत है। 09 नवम्बर, 2000 को देश के 27वें रा...

गुजरात ने पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन और संरक्षण के लिए अपनाया : प्रकृति प्रेम
हम सभी इस बात से अवगत हैं कि पर्यावरण में हर चीज के सुचारू संचालन के लिए एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र (श्वष्शह्य4ह्यह्लद्गद्व)की आवश्यकता होती है। यद...

जलवायु संकट : नर के मुकाबले मादा कछुए अधिक पैदा हो रहे
जलवायु परिवर्तन से पूरा विश्व संकट में है। यूरोप समेत अमेरिका में भी गर्मी काफी बढ़ गई है इसका असर इंसानों को तो पड़ी रहा है लेकिन जीव-जंतु भी इससे अछ...

पर्यावरण संरक्षण से पहले जागरूकता जरूरी
हाल ही में भारत सहित दुनिया भर में पर्यावरण दिवस पर अनेकों कार्यक्रम हुए। जिसमें पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया और इस बात का प्रण किया गया कि न केवल...

जीवन की रक्षा के लिए पृथ्वी संरक्षण जरूरी
पृथ्वी दिवस पूरे विश्व में 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम ‘इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट’ है, जो हमें हरित समृद्धि से समृद्ध ज...

ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता खतरा
जो पानी की बरबादी करते हैं, उनसे मैं यही पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने बिना पानी के जीने की कोई कला सीख ली है, तो हमें भी बताए, ताकि भावी पीढ़ी बिन...