इंटरनेट वैश्वीकरण के युग में, एक विचार या विमर्श दुनिया भर में खतरनाक गति से यात्रा करता है। सामाजिक और मुख्यधारा के मीडिया में वैचारिक या धार्मिक वि...

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की राजनीतिक पृष्ठभूमि और विचार यात्रा
सन् 1935 में ब्रिटिश संसद ने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट पारित किया, जिसके अंतर्गत भारतीयों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना था तथा हर प्रांत में एक चुनी हुई...

केरल में सामाजिक संस्कृति और लोकतंत्र की हत्या
आज के युग में राजनीति और लोकतंत्र एक-दूसरे के पर्यायवाची बन चुके हैं। राजतंत्र के साथ-साथ हर प्रकार के अत्याचारी और हिंसक राजनीतिक गतिविधियों का युग अ...

सेवा परम धर्म
पूरे देश में सेवा के क्षेत्र में काम करने वाली कई प्रकार की संस्थाएं हैं। व्यक्तिगत रूप से भी हमारे कई बंधु सेवा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। समाज में ...

”केवल सत्ता व राजनीति के भरोसे देश के भविष्य को छोड़ देने से काम नहीं चलेगा’’–मोहन भागवत
एक वर्ष के पश्चात् फिर से हम सब विजयादशमी के पुण्यपर्व पर यहॉं एकत्रित हैं,परंतु इस वर्ष का वातावरण भिन्न है यह अनुभव हम सभी को होता है। भारतीय वैज्ञा...

जिम्मेदार सरकार बना सकती है भारत को सुपरपॉवर
योग्यता, क्षमता, प्रतिभा जिसकी जितनी हो, उसके अनुसार उसे रोजगार के अवसर मिलने चाहिएं। आज गांवों से शहरों की ओर पलायन हो रहा है। युवाओं को गांव से शहर ...

वोटबैंक के लिए देशहित से खिलवाड़
दो साल बाद राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाई गई तो आतंकवाद और माओवादी हिंसा जैसे गंभीर मुद्दे एजेंडे से गायब थे। मुजफ्फरनगर और किश्तवाड़ के दंगों पर ...

हिन्दुत्व हमारी ध्येय साधना
विचार का प्रथम साक्षात्कार और इस विचार का प्रत्यक्ष जीवन में अभिव्यक्तिरूप विकास संयोग से हमारे देश में हुआ, समुद्रवेष्ठित, हिमालय के किरीट से मण्डित ...

चुनाव का साम्प्रदायिकरण कर रही है कांग्रेस
कांगे्रस पार्टी के एक प्रवक्ता ने ‘इंडियन मुजाहिद्दीन’ की उत्पत्ति और उसके अस्तित्व को अभूतपूर्व तरीके से तर्कसंगत ठहराया है। इंडियन मुजाहिद्दीन...

जेल में रहें भारतीय भाषाएं अंग्रेजी का गुलाम है आजाद भारत!
अपने देश में नागिरक को न्याय की रक्षा करते हुए फांसी प्राप्त करने का अधिकार है, लेकिन फांसी पर लटकने से पहले अपनी भाषा में यह जानने का अधिकार नहीं है,...