2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से कई तरह की बदलाव की शुरुआत हुई है। प्रगति तो लगातार होती रही है, हर सरकार ने अपनी तरह से बदलाव लाने और देश को प्रगति...

एक और विवेकानंद चाहिये
‘उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि मंजिल की प्राप्ति न हो जाए।’’ इन शब्दों को एक वाक्य में पिरोकर देश के युवाओं में कर्म और चारित्रिक निर्मा...

रागों से रोग मुक्ति
‘ध्वनि-शक्ति अपरिमित है, इसलिए संगीत का हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप मस्तिष्क में ऐसी ध्वनियां पहुचाएंगे जो उसे अनुचित तरीके स...

डॉ. भीमराव अम्बेडकर का राष्ट्रीय स्वरुप
बाबा साहेब मूल रुप में एक अर्थशास्त्री कहे जा सकते हैं। कोलम्बिया विश्वविद्यालय में जब वे पढ़ाई के दौरान अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री के लिये...

सरदार वल्लभ भाई पटेल : बपौती पर ओछी राजनीति
सरदार भाई पटेल आज जीवित होते तो अपने उच्च मानवीय मूल्यों तथा राष्ट्र के कल्याण के लिए उद्दात संस्कारों को इस प्रकार से गर्त में जाते देखकर काफी दुखी ह...

पं. दीनदयाल उपाध्याय:एक व्यक्तित्व, एक संपूर्ण विचार
न तो ‘मील के पत्थर’ को चुनिए, न ‘सड़क के खम्भे’ को। वे आपका प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। यदि वे सदन में पहुंच गये तो वे विवेकपूर्वक विचार कर...