कलियुग में केवल भगवान का नाम ही परम कल्याण करने वाला है। इसको छोड़कर कल्याण प्राप्ति का और कोई सरलतम उपाय नहीं है। ‘कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर...

तुलसी कौन थीं?
लसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थीं जिनका नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थीं। बड़े ही प्रेम से भगवान ...

विवेक, संयम, भक्ति, साहस, सदाचार और शक्ति के ‘सार’ हनुमान
हनुमान ने अपना संपूर्ण जीवन दूसरों की सेवा में व्यतीत कर दिया। उन्होंने पहले सुग्रीव की और फिर राम की सेवा की। वे अपने दास्य भाव के माध्यम से भक्ति का...

मैं भी तेरी मां हूं बेटे
मुझको कहते गाय, दूध पिलाती, तुझे पालती, बनकर पन्ना घाय। मुझे पता है इस कलयुग में बढ़ती कितनी भूख जल विहीन खेतों पर अंकुर प्यासे जाते सूख। तू निर्दोष म...

गाय शब्द का अर्थ
त्वं यज्ञस्य त्वं माता सर्वदेवानां कारणम। त्वं सर्वतीर्थानां नमस्तुतेअस्तु सदानघे।। शशि सूर्यरूणा यस्या ललाटे वृषभ ध्वज:। सरस्वती च हुंकारे सर्वेनागास...

गोपालन को प्रोत्साहन ही धर्मपालन
भारतीय गायों के ही दूध, दही, घी आदि का सेवन करें! पंचगव्य-निर्मित दंतमंजन, साबुन इ. का उपयोग करें! उत्सवों पर गोपूजन करें। मंगलप्रसंगों पर गोदान करें!...

नित्यकर्मों के पालन से सुधरता है जीवन
मनुष्य अपने जीवन में बहुत से शुभ-अशुभ कर्म करते हैं। जिनमें से कुछ ऐसे कर्म हैं जो नित्य करने योग्य होते हैं। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य को केवल वही क...

ऊँ ही परम सत्ता और सृष्टि का आधार है
उपनिषदों में कहा गया है कि सृष्टि के प्रारम्भ में सबसे पहली जिस ध्वनि का निर्माण हुआ वह ऊँ ही था। ओंकार ध्वनि ‘ऊँ’ को दुनिया के सभी मंत्रों का सार कहा...

देवि त्वं भक्तसुलभे
मां दुर्गा को उनके अन्य कई नामों के साथ भी जाना जाता है। काली, भवानी, अम्बा, जगदम्बा, शोरांवाली, पार्वती और भी सैकड़ों नामों से जाना जाता है। दुर्गा क...

सुख की खोज
सुख की खोज में चलने के पूर्व यह जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर उसका निवास कहां है? सुख ‘महल’ में है या कुटिया में, धन-दौलत में या औरत में, संसार...